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मरने के बाद किसी और को रोशनी देगा ये एक्टर, अपनी खूबसूरत आंखें करेंगे  दान

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 11 Jul, 2025 11:46 AM
मरने के बाद किसी और को रोशनी देगा ये एक्टर, अपनी खूबसूरत आंखें करेंगे  दान

नारी डेस्क:  क्या आप जानते हैं कि बाॅलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन अपनी आंखें दान करने जा रहे हैं। उनका यह कदम समाज में जागरूकता फैलाने के लिहाज़ से बेहद सराहनीय है। उन्होंने फिल्म "काबिल" में एक दृष्टिहीन व्यक्ति का किरदार निभाया था, और उसी अनुभव ने उन्हें आंखें दान करने के लिए प्रेरित किया। एक्टर ने अपने 43वें जन्मदिन  पर यह संकल्प लिया था।

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ऋतिक रोशन ने अपने पारिवारिक नेत्र रोग विशेषज्ञ अस्पताल के माध्यम से लिया। उन्होंने कहा कि- "जब मैं 'काबिल' की शूटिंग कर रहा था, तब मुझे महसूस हुआ कि हम कितनी बड़ी सौगात लेकर जन्म लेते हैं हमारी आंखें। तभी से मैंने तय कर लिया था कि मैं अपनी आंखें दान करूंगा।" अंगदान जैसे विषयों पर बॉलीवुड सितारों का खुलकर सामने आना समाज में जागरूकता फैलाता है। ऐसे कदम से आम लोग भी प्रेरित होते हैं और जीवन में कुछ सकारात्मक योगदान देने के लिए सोचते हैं।

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ऋतिक रोशन जैसे सितारों की यह पहल समाज को एक नई दिशा देने में मदद करती है। अगर आप भी आंखें दान करने की सोच रहे हैं तो पहले नज़दीकी नेत्र अस्पताल में जाकर फॉर्म भरें। परिवार को पहले से बताएं कि आप नेत्रदान करना चाहते हैं। मृत्यु के बाद 6-8 घंटे के भीतर आंखें सुरक्षित रूप से निकाली जा सकती हैं।


आप निम्न माध्यमों से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं

-पास के आई बैंक (Eye Bank) से संपर्क करके।

-नेत्रदान संबंधित NGO या अस्पताल की वेबसाइट पर जाकर।

-सरकार द्वारा समर्थित पोर्टल जैसे: National Eye Bank – AIIMS, NOTTO - National Organ and Tissue Transplant Organization

-पंजीकरण के बाद आपको नेत्रदाता कार्ड (Donor Card) मिलता है, जिसे अपने पास रखें और परिजनों को इस बारे में बताएं।

मृत्यु के बाद की प्रक्रिया

मृत्यु के 6 घंटे के अंदर आंखें निकाली जानी चाहिए। तुरंत नजदीकी आई बैंक या अस्पताल को फोन करें। नेत्र विशेषज्ञ घर आकर या अस्पताल में ही प्रक्रिया पूरी करते हैं। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें या तो पूरी आंख (whole globe) निकाली जाती है। या केवल कॉर्निया (पारदर्शी हिस्सा) लिया जाता है। यह प्रक्रिया 15-20 मिनट की होती है। इससे शव को कोई नुकसान नहीं होता और चेहरा वैसा का वैसा ही रहता है।

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