बचपन का समय ऐसा होता है जब बच्चों को सही गलत की समझ नहीं होती है। ऐसे समय में पेरेंट्स अगर उनपर सही से नजर न रखें और उनकी गलतियों पर पर रोक- टोक न करें तो आगे जाकर बच्चा बिगड़ सकता है। बच्चों को अकसर झूठ बोलने की आदात पड़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि कोई शरारत के बाद उन्हें पेरेंट्स की डांट न सुननी पड़े। उन्हें लगता है झूठ बोलना कोई बड़ी बात नहीं है, और पेरेंट्स भी कई बार बच्चों के झूठ को नजरअंदाज करते हैं। पर ये सही नहीं है, बच्चों को अगर शुरुआत से ही झूठ बोलने से रोका न जाए तो आगे चलकर ये ऐसी आदत बन जाएगी, जिसे आपका बच्चा बहुत बिगड़ जाएगा और फिर आप चाह के भी इस आदत को छुड़ा नहीं सकेंगे....
इन तरीकों से छुड़ाएं बच्चों की झूठ बोलने की आदत
रोल मॉडल बनें
बच्चे अपने पेरेंट्स को देखते ही बड़े होते हैं और उनसे ही आदतें सीखते हैं। बच्चों में झूठ बोलने की आदत न हो, इस बात का ध्यान आपको खुद से रखना पड़ेगा। आप खुद उनके सामने कभी झूठ न बोलें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप ही उनकी बिगड़ी आदतों के लिए जिम्मेदार होंगे।
सजा न दें
कई पेरेंट्स ऐसा सोचते हैं कि सजा देने पर बच्चा डर जाएगा और गलत आदतें छोड़ देगा, पर ये बिल्कुल भी सही तरीका नहीं है। जब बच्चा बिल्कुल न सुने तब आप उसको थोड़ी से सजा दें, इससे पहले उसे बातों से समझने की कोशिश ही करें।
सच्चाई की कद्र करना सीखाएं
अगर आपका बच्चा सच बताता है जो सच को समझने और स्वीकार करने की आप भी हिम्मत दिखाएं। अगर आप सच सुनकर नाराज हो जाते हैं और ये कुछ ऐसा करते हैं जिससे बच्चे डर जाता है तो वो आगे से कभी आपको सच नहीं बताएगा। इसलिए बच्चा को ऐसा परस्थितियां भी दें, कि वो आपके सच बताने का साहस करे।
समस्या का हल ढूंढने की कोशिश करें
एक बार जब आपके बच्चे ने कबूल कर लिया है, तो उनके साथ बैठें और फिर उपाय निकालें। ये उन्हें विश्वास दिलाता है कि वे न केवल आप पर विश्वास कर सकते हैं, बल्कि आप वास्तव में उन्हें इससे उबरने में भी मदद करेंगे।