हिंदू धर्म में सावन के महीने को भी बहुत ही खास महत्व दिया गया है। यह महीना भोलेनाथ का प्रिय होता है। सावन के हर दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा की जाती है। सावन को श्रावण भी कहा जाता है। इस महीने में जो भक्त भगवान शिव का सच्चे मन और पूरी श्रद्धा से व्रत रखता है उसे शिवजी का आशीर्वाद भी जरुर मिलता है। ऐसा माना जाता है कि यदि आप 16 सोमवार के व्रत नहीं रख सकते तो सिर्फ ये चार व्रत रखकर भोलेनाथ की कृपा पा सकते हैं।
कल से शुरु हो रहा सावन का महीना
आपको बता दें कि सावन का महीना कल यानी की 14 जुलाई से शुरु हो रहा है। सावन के पहले सोमवार का व्रत 18 जुलाई को पड़ रहा है। सावन महीने की शुरुआत विष्कुंभ और प्रीति योग जैसे शुभ संयोग के साथ हो रही हैं। सावन महीना शिव की पूजा के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस महीने में शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने का भी बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है।
सावन में पड़ेगे 4 सोमवार
आषाढ़ महीने की पूर्णिमा यानी की गुरु पूर्णिमा के अगले दिन सावन महीने की शुरुआत हो रही है। सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई यानी की कल से होगी और सावन महीने का समापन 12 अगस्त होगा। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को, दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को पड़ेगा। इस महीने की शिवरात्रि 26 जुलाई को पड़ रही है। सावन का महीना खत्म होने के बाद भाद्रपद के महीने की शुरुआत होगी।
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
सावन के महीने में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा भी विधि विधान से करनी चाहिए। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव की प्रिय चीजों उन्हें समर्पित करनी चाहिए, जो भक्त सावन में शिव जी को प्रसन्न कर लेते हैं उनका जीवन सुख-सौभाग्य से भरा रहता है।
ये चीजें करें अर्पित
इस महीने में आप शिव जी की पूजा के दौरान चंदन, अक्षत, इत्र, बेलपत्र, गंगाजल, दही, घी, केसर, गन्ना, भांग, धतूरा, आक का फूल, चमेली, जूही, अलसी या फिर कनेर का फूल और शहद चढ़ाएं। मान्यता है कि इन चीजों को चढ़ाने से भगवान शिव आप पर जल्दी प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बनाएंगे।
पूजा करने की विधि
सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर और स्नान आदि करके घर के पूजा स्थल की साफ-सफाई करें। फिर भगवान शिव की पूजा कर लें। इसके बाद आप मंदिर जाकर भगवान शंकर का जलाभिषेक भी जरुर करें। पूजा करने के बाद आप शिव चालीसा का पाठ और मंत्रों का जाप भी जरुर करें। सावन के महीने में सात्विक भोजन का सेवन करें। मांस, मदिरा जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखें।