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किसान आंदोलन के बीच "किसान दिवस", जानिए कितनी कठिन होती है अन्नदाता की जिंदगी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 23 Dec, 2020 05:14 PM
किसान आंदोलन के बीच

किसान पिछले 28 दिनों से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार आंदोलन पर बैठे हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि उनके द्वारा पास किए बिल से बिचौलिए खत्म हो जाएंगे और किसानों को मुनाफा होगा। नहीं किसान इस रद्द करने की जिद्द पर अड़े हैं। इसी किसान आंदोलन के बीच देशभर में 'राष्ट्रीय किसान दिवस' मनाया जा रहा है।

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क्यों मनाया जाता है किसान दिवस?

पूरे भारतदेश में 23 दिसंबर को किसान दिवस मनाया जाता है, जिसका मकसद हमारे अन्नदाता किसानों का धन्यवाद करना होता है। बता दें कि भारत में किसान दिवस देश के 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है, जिन्होंने किसानों की स्थिति सुधारने के लिए कई सहारनीय कार्य किए थे। वह खुद भी किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे इसलिए उनकी समस्याएं उन्हें भली-भांति समझ में आती थी। उन्होंने ही देश में जमींदारी प्रथा का अंत किया था, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके।

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किसानों का महत्व

अक्सर लोग रोजाना, शादी-ब्याह में खाना वेस्ट कर देते हैं लेकिन आप शायद यह नहीं जानते कि इस अन्न को उगाने के पीछे एक किसान की मेहनत और पसीना है। अगर किसान खेती करना छोड़ दे तो आपको अन्न का एक दाना भी नहीं मिल पाएगा और यह तो आप अच्छी तरह जानते हैं कि बिना भोजन आप जिंदा नहीं रह पाएंगे।

कर्ज से हारती किसानों की जिंदगी

किसान कब अन्नदाता से बंधुआ मजदूर बन जाते हैं पता ही नहीं चलता। महंगे कीटनाशक, महंगे बीज और रासायनिक खाद उन्हें कर्जदार बना देते हैं। कुछ किसानों की जिंदगी तो इस तरह से कर्जे में डूब जाती है कि वो परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पाते। ऐसे में वह मजबूत होकर जहर खा लेते हैं आ फांसी पर लटक जाते हैं। भले ही आज स्थिति काफी बदल चुकी हो लेकिन कई किसान आज भी ऐसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

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किसान किसी महानायक से कम नहीं है, जो घर बैठे लोगों को रोजमर्रा की चीजें जैसे अनाज, दूध, फल, सब्जी आदि की आपूर्ति करते हैं। सुबह बीज बोने से लेकर उनका पूरा दिन खेत जोतने में लग जाता है लेकिन फिर भी उनके चेहरे की मुस्कुराहट कम नहीं होती।

हमें किसान को सम्मान देना चाहिए और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए, जो हमारा पेट भरने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं।

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