
नारी डेस्क: फिल्म ‘शोले' में सनकी जेलर की भूमिका निभाकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाले और हास्य भूमिकाओं के लिए मशहूर दिग्गज अभिनेता गोवर्धन असरानी का सोमवार को दिवाली के दिन निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। पांच दशकों से अधिक समय तक कई फिल्मों में काम करने वाले एवं असरानी के नाम से मशहूर अभिनेता गोवर्धन असरानी को “शोले”, “नमक हराम” और “गुड्डी” में उनके किरदारों के लिए याद किया जाता है। उनका निधन सोमवार को अपराह्न तीन बजे हुआ।

चार दिन पहले उन्हें उपनगरीय जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती कराया गया था। असरानी के प्रबंधक बाबूभाई थिबा ने बताया- “वह थोड़े अस्वस्थ थे। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने हमें बताया कि उनके फेफड़ों में पानी जमा हो गया था।” असरानी के निधन की खबर से कुछ घंटे पहले ही उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट किया गया था। उसमें एक्टर की तरफ से सभी को दिवाली की शुभकामनाएं दी गई थीं।

असरानी ने अपने पांच दशक से ज़्यादा के करियर में 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने ज्यादातर चरित्र भूमिकाएं निभाईं और अपनी बेजोड़ हास्य टाइमिंग के कारण दर्शकों में काफी लोकप्रिय रहे। उनका संवाद, “हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं” आज भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। फिल्म ‘शोले' में निभाया गया उनका हास्य किरदार “द ग्रेट डिक्टेटर” के चार्ली चैपलिन पर आधारित था। असरानी ने अपने पांच दशक लंबे करियर के हर दौर में कुछ सबसे बड़े निर्देशकों के साथ काम किया और लगभग हर बड़े सितारे के साथ उन्होंने अदाकारी के जौहर बिखेरे, चाहे वह राजेश खन्ना हों, अमिताभ बच्चन हों, आमिर खान हों या कोई और।

असरानी ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत 1967 में आई फ़िल्म "हरे कांच की चूड़ियां" से की और उसके बाद कई फ़िल्मों में अभिनय किया। ऋषिकेश मुखर्जी उनके गुरु और मार्गदर्शक थे और उन्होंने हमेशा उन्हें अपनी फ़िल्मों में भूमिकाएं दीं। उन्होंने गुलज़ार की कई फ़िल्मों जैसे "मेरे अपने", "कोशिश" और "परिचय" में भी अभिनय किया। असरानी की अन्य लोकप्रिय भूमिकाएं "बावर्ची", "अभिमान", "दो लड़के दोनो कड़के" और "बंदिश" जैसी फिल्मों में थीं। 'चुपके-चुपके', 'रफू चक्कर', 'बालिका बधू', 'हीरालाल पन्नालाल', 'पति पत्नी और वो' भी ऐसी फिल्में हैं, जिनमें असरानी ने अपनी बेहतरीन कॉमिडी टाइमिंग से प्रशंसकों को प्रभावित किया। उन्होंने 2000 के दशक में फिल्मकार प्रियदर्शन के साथ उनकी कई फिल्मों में काम किया। इनमें "हेरा फेरी", "चुप चुप के", "हलचल", "भूल भुलैया" और "कमाल धमाल मालामाल" जैसी निर्देशक की कई कॉमेडी फिल्म शामिल हैं। कुछ फ़िल्मों में उन्होंने अपनी लोकप्रिय छवि के विपरीत जाकर नकारात्मक भूमिकाएं भी निभाईं, जैसे "चैताली" और "कोशिश" में। असरानी के परिवार में उनकी पत्नी हैं।