बदलते मौसम या सर्दी-जुकाम के कारण छींक आना स्वाभिक है। मगर, कई लोगों को शिकायत होती है कि सुबह उठते ही उन्हें बेवजह छींके आने लगती है। कई बार यह परेशानी का कारण भी बन जाती है। यूं तो छींक आना चिंताजनक नहीं लेकिन लंबं समय से लगातार ऐसा हो रहा है तो सतर्क हो जाए क्योंकि यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
सबह उठते ही छींक आना कहीं साइनस तो नहीं?
साइनस नाक के अंदर मौजूद एक लाइनिंग होती है, जिसे नैजल लाइनिंग भी बोलते हैं। वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण इसमें म्यूकस भर जाता है, जिसे साइनस इंफेक्शन कहते हैं। साइनस कैविटी चेहरे के चार हिस्सों में होती है- गाल, आइब्रोज के ऊपर, आंखों के बीच में व पीछे, जोकि करीब दो हफ्ते तक रहती है। यही छींक का कारण भी बन सकता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, चेहरे का दर्द, नाक बहना और नाक बंद होना शामिल हैं।
एलर्जिक राइनाइटिस
मौसमी एलर्जी को ही मेडिकल भाषा में एलर्जिक राइनाइटिस कहा जाता है, जो वातावरण में बदलाव के अलावा धूल-मिट्टी, जानवरों के बालल फंगल बैक्टीरिया के कारण हो सकती है।
फोटिक स्नीज रिफ्लक्स
फोटिक स्नीज रिफ्लक्स (photic sneeze reflex) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एक तरह की उत्तेजना उत्पन्न होती है। यह उत्तेजना सूरज की रोशनी में अधिक समय रहने की वजह से भी हो सकती है। इसके कारण जो छींक आती है, उसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।
वेसोमोटर राइनाइटिस
नाक की झिल्लियों में सूजन को मेडिकल भाषा में वासोमोटर राइनाइटिस कहते हैं। यह समस्या अधिकतर तापमान में बदलाव, कमजोर इम्यूनिटी, ठंडे से गर्म मौसम में अचानक जाने के कारण हो सकती है।
बिस्तर पर जमा घूल -मिट्टी भी कारण
सुबह छींक आने का कारण तकिए या बिस्तर पर जमा धूल-मिट्टी की एलर्जी भी हो सकती है। जब आप सोते हैं तो ये धूल-कण नाक में जाकर छींक के कारकों को ट्रिगर करते हैं, जिससे आप समस्या हो सकती है। ऐसे में सोने से पहले तकिए व बिस्तर को अच्छी तरह झाड़ लें।
क्या आपका कमरा ड्राई है?
लंबे समय तक एयर कंडीशन का इस्तेमाल कमरे को शुष्क कर देता है। ऐसे में जब आप उस कमरे में ज्यादा समय बिताते हैं तो उससे छींक आ सकती हैं। सुबह-शाम कमरे में नेचुरल हवा भी आने दें।