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डेंगू का डंक हुआ खतरनाक, लापरवाही करने पर किडनी और लीवर हो सकता है फेल

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 30 Sep, 2024 09:59 AM
डेंगू का डंक हुआ खतरनाक, लापरवाही करने पर किडनी और लीवर हो सकता है फेल

नारी डेस्क: पिछले कुछ दिनों से डेंगू ने पूरे देश को डरा रखा है। आए दिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक हफ्ते में डेंगू ने दिल्ली का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।  स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजधानी में एक हफ्ते में 300 से ज्यादा मरीजों की पुष्टि की गई है। डॉक्टरों के मुताबिक यदि मरीज द्वारा डेंगू बुखार में लापरवाही बरती जाती है, तो बुखार के कारण इसका इंफेक्शन फेफड़ों और लिवर तक पहुंच जाता है। डेंगू के गंभीर रूप, जैसे डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) और  डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS), शरीर के अंगों पर गंभीर प्रभाव डालते हैं।

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किडनी (गुर्दे) पर असर


किडनी फेल्योर: डेंगू के गंभीर मामलों में रक्तचाप में गिरावट और शरीर में तरल पदार्थों के असंतुलन के कारण किडनी पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे किडनी फेल्योर हो सकता है।

एपिग्लोमेरुलर नाइट्रोजन: किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होने से शरीर में विषैले पदार्थ (टॉक्सिन) जमा हो जाते हैं, जिससे एपिग्लोमेरुलर नाइट्रोजन की वृद्धि होती है। इससे पेशाब कम होने लगता है और शरीर में पानी जमा होने लगता है।

आक्यूट किडनी इंजरी (AKI): डेंगू के गंभीर रूप से ग्रस्त मरीजों में किडनी अचानक काम करना बंद कर सकती है। इसे "एक्यूट किडनी इंजरी" कहते हैं, जिसमें किडनी विषैले पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती।


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लीवर (जिगर) पर असर

हेपेटाइटिस: डेंगू वायरस सीधे लीवर कोशिकाओं पर हमला करता है, जिससे लीवर में सूजन हो सकती है। इसे हेपेटाइटिस कहा जाता है, और इससे लीवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है।

लीवर फेल्योर : डेंगू के कारण लीवर की कोशिकाएं नष्ट हो सकती हैं, जिससे लीवर फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। लीवर फेल्योर से शरीर में रक्तस्राव (ब्लीडिंग) और अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

एस्पार्टेट ट्रांसएमिनेज (AST) और एलनाइन ट्रांसएमिनेज (ALT) स्तर बढ़ना: डेंगू के गंभीर मामलों में लीवर एंजाइम्स AST और ALT का स्तर बढ़ जाता है, जिससे लीवर डैमेज की पहचान होती है।

 

डेंगू से किडनी और लीवर को बचाने के उपाय


   - डेंगू से बचाव के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। खूब पानी, नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें ताकि किडनी और लीवर पर बोझ कम हो।
   
   - डेंगू के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, और आंखों के पीछे दर्द जैसी समस्याएं डेंगू की पहचान हो सकती हैं।

   - मच्छरों से बचने के लिए अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखें। पानी जमा न होने दें क्योंकि मच्छर गंदे पानी में पनपते हैं। मच्छरदानी और मच्छर रोधक क्रीम का उपयोग करें।

   - स्वस्थ और संतुलित आहार लें जिससे लीवर और किडनी की कार्यक्षमता सही बनी रहे। लीवर के लिए खास तौर पर फाइबर युक्त आहार और एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन लाभकारी होता है।

   - शरीर को आराम देना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में सक्षम रहता है।

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डेंगू के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

- लगातार बुखार
- शरीर और जोड़ों में दर्द
- पेट दर्द
- उल्टी और दस्त
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- पेशाब कम आना

डेंगू के गंभीर मामलों में लीवर और किडनी पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए, सही समय पर उपचार और सावधानियों का पालन बेहद जरूरी है।
 

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