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अब मास्क पहनना काफी नहीं, दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला!

  • Edited By Monika,
  • Updated: 13 Nov, 2025 04:57 PM
अब मास्क पहनना काफी नहीं, दिल्ली की जहरीली हवा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला!

नारी डेस्क : राजधानी दिल्ली की हवा दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है। प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया है कि अब मास्क पहनना भी सेहत बचाने के लिए पर्याप्त नहीं रह गया है। इसी पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीखी टिप्पणी की और कहा कि "अब सिर्फ मास्क पहनकर नहीं बचा जा सकता, क्योंकि प्रदूषण स्थायी नुकसान पहुंचा रहा है।"

सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी

सुनवाई के दौरान जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा ने वकीलों से कहा कि जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है, तो वे अदालत में शारीरिक रूप से पेश क्यों हो रहे हैं? उन्होंने कहा, “स्थिति इतनी गंभीर है कि यह हमारी सेहत पर स्थायी असर डाल सकती है। बेहतर होगा कि वर्चुअल सुनवाई को अपनाया जाए।” सुप्रीम कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले दिनों में सभी सुनवाई वर्चुअल माध्यम से की जा सकती हैं।

तीसरे दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में दिल्ली की हवा

गुरुवार सुबह दिल्ली एक बार फिर घने स्मॉग की चादर में ढकी रही। CPCB (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 8 बजे कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया।

बवाना: 460
चांदनी चौक: 455
ITO: 438
रोहिणी: 447
आनंद विहार: 431
द्वारका सेक्टर-8: 400
मुण्डका: 438
DU नॉर्थ कैंपस: 414
यह स्तर सामान्य लोगों के लिए भी हानिकारक है और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ितों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।

पराली जलाने पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी नाराजगी

प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक पराली जलाना है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पंजाब और हरियाणा सरकारों से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. (B.R.) गवई ने कहा, “अब हमें नीतियों की नहीं, ठोस कार्रवाई के सबूत चाहिए। यह समझना जरूरी है कि राज्यों ने इस समस्या को कितनी गंभीरता से लिया है।”

दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल

प्रदूषण के भयावह स्तर को देखते हुए स्कूल बंद करने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और ऑड-ईवन स्कीम लागू करने जैसे उपायों पर विचार किया जा रहा है। दृश्यता इतनी कम हो गई है कि सड़कों और इमारतों को पहचानना मुश्किल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो इसका असर दिल्लीवासियों की सेहत पर स्थायी रूप से पड़ सकता है।

अगली सुनवाई 17 नवंबर को

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि मिलकर ऐसी ठोस योजना तैयार करें, जिससे दिल्ली के लोगों को इस ज़हरीली हवा से राहत मिल सके।

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