ब्रिटिश के जाने माने उद्यमी डेल विंस (Dale Vince) जो कि ग्रीन एनर्जी प्रोवाइडर इकोट्रिकिटी के संस्थापक भी हैं उनका कहना है कि उनकी लैब ने ऐसे हीरे को बनाया है जो आसमान से बना है। डेल विंस की मानें तो उनकी लैब ने ऐसा डायमंड फाउंड किया है जो पर्यावरण के अनुकूल है क्योंकि वह हवा से खींची गई कार्बन का उपयोग करके बनाया गया है। अपनी प्रेस रीलिज में विंस ने बताया कि उन्होंने यह डायमंड स्पेशल मशीनों द्वारा बनाया है जो कि कार्बन को डायमंड में बदल देती है।
दुनिया का पहला शून्य-प्रभाव वाला हीरा
"ग्रीन टेक्नोलॉजी फर्स्ट" में कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग वायुमंडल से सीधे हीरों को बनाने के लिए किया जाता है - जो रासायनिक रूप से पृथ्वी से प्राप्त हीरे के समान हैं विंस के अनुसार इसका परिणाम दुनिया का पहला शून्य-प्रभाव वाला हीरा है, और वे वायुमंडल से सीधे कार्बन डाइऑक्साइड को हटाकर हवा को साफ करने में भी मदद कर सकते हैं। विंस ने आगे कहा आकाश से हीरे बनाना उस हवा में जिसमें हम सांस लेते हैं ये एक जादुई विचार है क्योंकि हमें हीरे के लिए अब धरती खदान की जरूरत नहीं है।
कार्बन, पानी, एनर्जी, से बना डायमंड
ब्रिटेन के डेल विंस कार्बन नेगेटिव प्रयोगशाला में हजारों हीरे बनाने की योजना बना रहे हैं। विंस ने बताया कि उन्होंने वर्षा से संग्रहित हवा और सौर ऊर्जा और पानी का उपयोग करते हुए सीधे आसमान से पकड़े कार्बन, पानी और ऊर्जा से बने हीरे विकसित किए हैं।
विंस की माने तो यह दुनिया का जीरो इंपेक्ट डायमंड है। इसके प्रोसेस के बारे में बात करते हुए विंस ने कहा ये एक ऐसा प्रोसेस है जिसे chemical vapour deposition कहा जाता है जहां डायमंड सीड एक सील्ड chamber में डाला जाता है जो कि 800 डिग्री सेलिस्यस की हीट पर होता है जो मीथेन गैस से भरा हुआ होता है। इसमें कार्बन भी होता है। फिर कार्बन एलिमेंट डायमंड सीड के साथ बॉन्ड करते हैं और फिर आपको डायमंड मिल जाता है।
जब विंस से सवाल किया गया कि क्या यह डायमंड नेचुरल तरीके से माइन किए हुए डायमंड की तरह होते हैं तो इस पर विंस ने कहा हां कह सकते हैं...यह उसी तरीके के होते हैं जिन्हें माइन होने में सालों लग जाते हैं। यहीं विज्ञान का मैजिक है। इन डायमंड्स की कीमत के बारे में बात करते हुए विंस ने कहा कि अभी आपको इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा हमने अभी तक इसकी कीमते डिसाइड नहीं की है।