23 NOVSATURDAY2024 12:46:31 AM
Nari

फेफड़ों को 'लैदर बॉल' की तरह सख्त कर रहा कोरोना, रिकवरी के बाद स्वस्थ नहीं हो रहे दिल व फेफड़े

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 25 Oct, 2020 11:59 AM
फेफड़ों को 'लैदर बॉल' की तरह सख्त कर रहा कोरोना, रिकवरी के बाद स्वस्थ नहीं हो रहे दिल व फेफड़े

शुरूआत में सर्दी-खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकावट को कोरोना के लक्षण माना जा रहा था। समय के साथ पता चला कि यह वायरस फेफड़े, दिल, किडनी, लिवर को भी बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है। इससे कारण मरीज का सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। मगर, यह वायरस फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा सकता है, इसका डरावना मामला कर्नाटक में सामने आया है। इसके बाद से डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की चिंता भी काफी बड़ गई है।

फेफड़ों को 'लैदर बॉल' की तरह सख्त कर रहा कोरोना

दरअसल, कर्नाटक में 62 साल के एक बुजुर्ग की कोरोना की वजह से मौत हो गई। चौंकाने वाली बात यह है कि बुजुर्ग मरीज के फेफड़े लैदर बॉल की तरह सख्त हो चुके थे और उन्होंने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया था। कोरोना वायरस से बुजुर्ग की हालत इतनी बुरी हो गई थी कि उसकी मौत हो गई।

PunjabKesari

मौत के 18 घंटे बाद भी सक्रिय था वायरस

रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज की मौत के 18 घंटे बाद भी वायरस नाक और गले में सक्रिय था, जिसने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। ऐसे में वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि मौत के बाद उस व्यक्ति के शव के संपर्क में आने से भी लोगों में कोरोना फैल सकता है। RTPCR जांच से पता चला कि शव के गले और नाक वाले सैंपल कोरोना पॉजिटिव थे यानि वह दूसरे लोगों को संक्रमित कर सकते थे। हालांकि शव के त्वचा से लिए गए नमूनों की जांच नेगिटिव पाई गई।

PunjabKesari

कोशिकाओं में बनने लगे थे खून के थक्के

ऑक्सफोर्ड मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के मुताबिक, कोरोना के कारण मरीज के फेफड़े किसी लैदर की बॉल की तरह सख्त हो चुके थे। यही नहीं, इसके कारण फेफड़ों में हवा भरने वाला हिस्सा भी खराब हो चुका था और कोशिकाओं में खून के थक्के बनने लगे थे। शव के  नाक, गले, मुंह, रेस्पिरेटरी पैसेज और फेफड़ों के सरफेस से स्वैब के नमूने लिए गए हैं, जिससे वायरस प्रोग्रेशन को समझने की कोशिश कर रहे हैं।

ठीक होने के बाद भी महीनों तक दिख रहा असर

वहीं, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुए शोध में सामने आया कि कोरोना से ठीक होने के कई महीनों बाद भी मरीजों के दिल और फेफड़े सही से काम नहीं कर रहे हैं। कोरोना से रिकवरी के बाद भी 64% लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वहीं, 60% मरीजों के फेफड़े और दिल स्वस्थ नहीं रहे। 29% मरीज किडनी प्रॉब्लम, 26% मरीज हार्ट प्रॉब्लम और 10% मरीज लिवर संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यही नहीं, रिकवरी के बाद 55% मरीज ऐसे हैं, जिन्हें बेवजह थकान महसूस हो रही है।

PunjabKesari

Related News