बदलते मौसम के साथ ही कुछ लाेग सर्दी, गले में खराश और बुखार के चलते परेशानियां झेल रहे हैं। इसका कारण है इन्फ्लुएंजा सब-टाइप एच3एन2 जाे धीरे- धीरे पूरे देश में फैल रहा है। एच3एन2 वायरस श्वसन के साथ-साथ गले को भी प्रभावित करता है और इससे श्वसन नली में जलन होती है और मरीज को अस्थमा और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं होती हैं। होली पर पानी से खेलने और सोशल कनैक्ट के कारण इस वायरस के फैलने की आशंका है, ऐसे में खुद का ख्याल रखें।
एलर्जी के कारण बढ़ती है परेशानियां
राष्ट्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित का कहना है कि इन्फ्लुएंजा-ए का एक उपप्रकार एच3एन2 पूरे देश में फैल रहा है और हैदराबाद फ्लू की चपेट में आ चुका है। उन्होंने बताया कि एच3एन2 वायरस के चलते एलर्जी बढ़ जाती है, जिसके कारण लगातार खांसी होती है, हालांकि वायु प्रदूषण को भी इसका एक कारक माना जा सकता है। रोगियों को डॉक्टर से परामर्श लिए बिना एंटीबायोटिक दवाओं या किसी अन्य दवाओं का अंधाधुंध उपयोग करने से बचने की सलाह दी गई है
बुजुर्ग और बच्चे हो रहे ज्यादा प्रभावित
डॉक्टरों ने बताया कि- ‘‘जिन आबादी पर गंभीर संक्रमण और मौत का खतरा है वे गुर्दे, मधुमेह मेलेटस, दिल और गुर्दे जैसी अन्य बीमारियों से ग्रसित बुजुर्ग हैं। सामाजिक गतिविधियों, यात्राओं और अन्य गतिविधियों के साथ इसमें और वृद्धि होती है। संक्रमण के पहले 3-4 दिनों में रोगी संक्रामक होता है। एक बार जब संक्रमण फेफड़ों में पहुंच जाता है तो रोगियों को सांस लेने में कठिनाई और सीने में दर्द होने लगता है।''
इस तरह रखें खुद का ख्याल
डॉ. पुरोहित ने बुखार और बदन दर्द के लिए पेरासिटामोल और ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने की सलाह दी। उन्होंने सावधान किया कि लोग खुराक और आवृत्ति की परवाह किए बिना एज़थ्रिोमाइसिन और एमोक्सिक्लेव जैसे एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं, और बेहतर महसूस करने के बाद इसे रोक देते हैं। इससे बचने की आवश्यकता है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध उत्पन्न होता है। उन्होंने कहा कि हाथ मिलाने या संपर्क के अन्य माध्यमों से बचना चाहिए और लोगों को मास्क पहनना चाहिए।
फ्लू से बचने के घरेलू उपाय
शहद
गुनगुने पानी में नींबू का रस और आधा चम्मच शहद मिक्स करके पीने से मिलती है राहत।
अदरक
सर्दी, बुखार, खांसी और फ्लू के अन्य लक्षणों को खत्म करने के लिए अदरक की चाय या फिर अदरक का पानी पी सकते हैं।
नमक के पानी के गरारे करें
नमक भी इंफ्लेमेटरी होता है। गुनगुना पानी में नमक डालकर गरारे करने से गले की सूजन कम होती है। इसे दिन मेें दो से तीन बार कर सकते हैं।
मोटे कपड़ों से बचें
बुखार होने पर मोटा कंबल ओढ़ने की बजाय हल्के कपड़े पहनें, गुनगुने पानी से नहाएं, कमरे के तापमान का पानी पिएं।