जब महिला को पीरियड्स ज्यादा आते हैं तो उसे इमरजेंसी महसूस होती है लेकिन जब पीरियड में ब्लीडिंग कम हो तो वह इस बात को नॉर्मल समझ कर इग्नोर कर देती है। 80 प्रतिशत महिलाएं ऐसा ही करती हैं। एक दो पीरियड्स के दौरान ऐसा हो तो यह सामान्य बात है लेकिन यह लगातार हो रहा है तो डाक्टर के पास जांच करवानी जरूरी है क्योंकि कम ब्लीडिंग से कंसीव की समस्या आती हैं। ब्लीडिंग होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि ब्लीडिंग शरीर में जमी गंदगी को दूर करने का काम भी करती है।
अब पता कैसे चले पीरियड्स में ब्लीडिंग कम है?
सामान्य महिला को 30 से 40 मिलीलीटर ब्लीडिंग हो सकती है और एक पैड में 5 मिलीलीटर खून सोखने की क्षमता होती हैं। ऐसे में 7 से 8 पैड्स इस्तेमाल हो जाते हैं। अगर इससे कम ब्लीडिंग हो रही हैं तो उसे खुलकर पीरियड्स ना आना ही माना जाएगा। जैसे -
-दो या उससे भी कम दिन ब्लीडिंग होना
-ब्लड क्लॉट यानि थक्के आना जो गांठों की तरह जमे होते हैं
-एक महीने सही और अगले महीने कम ब्लीडिंग कम हो जाना इसी के लक्षण है
ऐसा होने के पीछे कारण क्या हैं?
वैसा तो ऐसा उम्रदराज महिलाओं के साथ होता है जो बढ़ती उम्र की निशानी है लेकिन अगर उम्र से पहले ही ये समस्याएं हो रही हैं तो समस्या कई तरह की हो सकती है जैसे
ज्यादा वजन और गलत डाइट
अगर आपका वजन ज्यादा और खान पान गलत तो दोनों ही स्थिति में आपको पीरियड्स खुल कर नहीं आएंगे। क्योंकि इससे हार्मोंन्स गड़बड़ी हो जाती है। खून की कमी होने के चलते भी पीरियड्स में ब्लीडिंग नहीं होती।
ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को
ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिलाओं को भी यह दिक्कतें आती हैं क्योंकि दूध बनाने वाले हार्मोंन्स ओव्यूलेशन को आगे बढ़ा देते हैं। जब ओव्यूलेशन आगे बढ़ेगा तो पीरियड्स भी देरी से आते हैं और लाइट भी हो जाते हैं।
तनाव और ज्यादा एक्सरसाइज
-तनाव में रहने वाली महिलाओं को भी ये दिक्कत आती हैं। क्योंकि दिमाग पीरियड्स से जुड़े हार्मोंन्स पर असर डालता है जो महिलाएं बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करती हैं उन्हें भी यह समस्या रहती है।
-बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से ओवयूलेशन की प्रक्रिया में एग नहीं बनते यूट्रस के आसपास मोटी परत बन जाती है। पी.सी.ओ. डी. और पी.सी.ओ.एस रोग से पीड़ित महिला के भी पीरियड अनियमित हो जाते हैं।
अगर आपको लगातार पिछले 3 महीने यह समस्या रहे ,,, पीरियड्स देरी से आए कम आए या खून के रंग में बदलाव आए तो स्त्री रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएं
साथ ही ये देसी नुस्खे आपके बहुत काम आएंगे
1. अगर आपको मासिक धर्म खुलकर नहीं आते तो दालचीनी पाउडर को पानी में उबालें और छानकर दिन में दो बार पीएं। गर्म दूध और चाय के साथ भी दालचीनी पाउडर का सेवन किया जा सकता है।
2. गाजर विटामिन ए होता है जो पीरियड को उत्तेजित करता है। गाजर का सलाद या जूस जरूर पीएं।
3. अशोक के पेड़ की 90 ग्राम छाल को 30 मिलीलीटर पानी में 10 मिनट तक उबालें और इसे छानकर प्रतिदिन दिन में दो या तीन बार पीएं।
4. रोज 200 ग्राम कच्चा पपीता खाएं। इससे रक्त के प्रवाह ठीक से होगा जिससे पीरियड्स समय पर भी आएंगे और खुलकर भी।
5. महिला को रोजाना ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप अलसी, अखरोट, साल्मन मछली खाएं। डाक्टरी सलाह से ओमेगा-3 फैटी एसिड के कैप्सूल का सेवन करे।
अब तो आप जान गए होंगे कि कैसे आपको पीरियड्स की इस प्रॉब्लम से छुटकारा पाना है