जम्मू - कश्मीर की बात हो तो हमेशा वहां के आंतक, अशांति और दांगों को लेकर मुद्दे गर्म रहता है। वहां के लोगों में काफी आक्रोश में रहते हैं और समाज में पुरुषों का ज्यादा दबदबा है। महिलाएं को यहां के माहौल के चलते पढ़ने भी नहीं भेजा जाता, लेकिन ऐसे में जम्मू- कश्मीर के राजौरी में दर्जी के बेटी ने कमाल कर दिखाया। भावना अब शायद कश्मीर की तस्वीर को बदले, क्योंकि उन्होंने समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए जम्मू- कश्मीर न्यायिक सेवा परीक्षा को पास किया और जज बन गई हैं।
कश्मीर में जज बनने वाली पहली महिला
आपको बता दें कि भावना केसर उस गांव से आती हैं जो एक समय में आतंकवादियों का गढ़ा हुआ करता था। राजौरी के छोटे से गांव नौशेरा की भावना के पिता दर्जी हैं, ऐसे में बेटी की इस उपल्ब्धि से उनके घर में खुशी का माहौल है। भावना ने अपनी पढ़ाई टीएमपी स्कूल नौशेरा की हैं। आगे की पढ़ाई के लिए वो चड़ीगढ़ चली गई थीं। पंजाब यूनिवर्सिटी से भावना ने बीए एलएलबी से पढ़ाई की। उसके बाद भावना ने एलएलम किया और पीएचडी की भी पढ़ाई जारी रखी।
भावना ने दी आज की लड़कियों को खास Advice
भावना ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उका सपना सच हो गया। वहीं उनके पैरेंट्स ने भी इस सफर में उसकी खूब मदद की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ करने दिखाने के लिए उनकी जैसी लड़कियों को अपने आस-पास की परवाह नहीं करनी चाहिए और लगातार अपने सपनों की तरफ बढ़ना चाहिए।
इंटरव्यू के 36 घंटे तक आया था रिजल्ट
जम्मू- कश्मीर न्यायिक सेवा परीक्षा में बेटियों का ही बोल-बाला रहा। श्रीनगर की तस्मीन काऊसा ने टॉप किया है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर मुफ्ती, तीसरे नंबर पर सनाह बडियाल रहें।