खेल, राजनीति या शिक्षा कोई भी क्षेत्र क्यों न हो भारतीय महिलाएं अपनी प्रतिभा से उस क्षेत्र में एक अलग मुकाम हासिल करती है। महिलाएं न केवल किसी एक बल्कि हर काम में अपनी मेहनत से परफेक्ट हो सकती है। इस बात की उदाहरण है साइना नेहवाल। जी हां, बैडमिंटन के खेल जगत में अपना नाम बनाने वाली साइना नेहवाल अब राजनीति में भी अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। लाखो लड़कियों के लिए इंस्पिरेशन साइना नेहवाल ने बुधवार को बीजेपी ज्वाइंन कर ली है। 29 साल की साइना नेहवाल ने अपनी बड़ी बहन चंद्राशु नेहवाल के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गईं। चलिए आपको बताते है उनकी लाइफस्टोरी के बारे में ...
4 महीने तक दादी ने नहीं देखा था चेहरा
हरियाणा के हिसार की रहने वाली साइना का जन्म एक मध्यम वर्ग परिवार में हुआ है। इस मुकाम तक पहुंचे में साइना का सफर आसान नहीं था। दरअसल, साइना के जन्म के बाद उनकी दादी ने उन्हें देखने से भी मना कर दिया था। उन्होंने करीब 4 महीने तक उनका चेहरा नहीं देखा था। जिसके बाद दादी की इसी नजरअंदाजी को साइना ने अपना हौसला बनाया और आज यह मुकाम हासिल किया।
सुबह 4 बजे उठ कर करती थी ट्रेनिंग
साइना के पेरेंट्स हरियाणा के मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी थे। साइना की शुरुआती पढ़ाई तो हिसार में हुई लेकिन बाद में उनके पापा का तबादला हैदराबाद में हो गया और फिर उनका परिवार वहां चला गया।तब उनके घर से तकरीबन 25 किमी की दूर बशीरबाग के लाल बहादुर स्टेडियम में उनकी ट्रैनिंग करवाई जाती थी। वह अपने पापा के साथ सुबह 4 बजे ट्रैनिंग के लिए जाती था। ट्रैनिंग के बाद वह सीधे स्कूल जाती और घर आकर पूरी तरह थक जाती थी लेकिन कभी भी उन्होंने इस बारे में किसी को बताया नहीं।
दर्द के बाद भी नहीं मानी हार
कड़ी ट्रैनिंग के कारण साइना के पैर की मांसपेशियों में हमेशा दर्द रहता था और इसके कारण वह रात को उठकर रोने भी लगती थी। उनका रोना सुनकर मां बादाम तेल से उनकी मालिश करती थी। इतना दर्द होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना खेल जारी रखा और आज वह इसी कड़ी मेहनत के दम पर इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच गई हैं।
हासिल कर चुकी है ये सम्मान
साइना नेहवाल भारत सरकार की ओर से 2009 में अर्जुन पुरस्कार, 2010 में राजीव गांधी खेल रत्न, पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित हो चुकी है। इसके साथ ही साइना नेहवाल बैडमिंटन में ओलंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है। साइना ने कई राष्ट्रीय और 20 से ज्यादा इंटरनेशनल स्तर पर कई मेडल हासिल किए है। वह पहली ऐसी महिला खिलाड़ी है जिन्होंने 1 महीने के अंदर 3 बार शीर्ष वरीयता पुरस्कार हासिल किया है।
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