नारी डेस्क: आंवला नवमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है, और इसे आमतौर पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से व्रत रखती हैं और आंवला वृक्ष की पूजा करती हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का वास आंवले के वृक्ष में होता है, इसलिए आंवले के पेड़ की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
आंवला नवमी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत समय पहले एक गांव में एक सेठ रहता था जो हर साल आंवला नवमी के दिन ब्राह्मणों को आंवले के पेड़ के नीचे भोजन कराता और उन्हें सोना चांदी जैसे भेंट देता था। यह सब सेठ के बेटे को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था और वह अक्सर अपने पिता से इस बारे में झगड़ा करते थे। आखिर में तंग आकर सेठ ने अपने घर को छोड़ दिया और दूसरे गांव में जाकर बस गया। वहां उसने अपनी छोटी सी दुकान खोली और उसके आगे आंवले का एक पेड़ लगाया। भगवान की कृपा से उसकी दुकान खूब चलने लगी और हर साल वह आंवला नवमी पर ब्राह्मणों को भोजन कराता और दान देता था। वहीं, सेठ के बेटों का व्यापार ठप हो गया उन्होंने समझा कि उनके पिता के आशीर्वाद और भाग्य से ही उनका व्यापार चल रहा था। वह अपने पिता से माफी मांगने पहुंचे और पिता के कहने पर आंवले के पेड़ की पूजा शुरू की और दान देने लगे इसके प्रभाव से उनके घर में फिर से खुशहाली लौट आई और वे सभी मिलकर सुख समृद्धि से रहने लगे। तभी से आंवला नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व हो गया।
पूजा विधि
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। सुबह जल्दी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं। यदि आंवले का वृक्ष उपलब्ध हो तो उसके नीचे पूजा करें। आंवला वृक्ष के पास दीप जलाकर, गंगाजल से पेड़ को स्नान कराएं। पूजन के लिए फूल, धूप, दीप, चंदन, रोली, मौली, नैवेद्य और आंवला फल का प्रयोग करें। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पुष्प अर्पण करें और दीप जलाकर आरती करें। पूजन के बाद आंवले के वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें और हाथ जोड़कर वृक्ष से आशीर्वाद प्राप्त करें।
इस दिन का महत्व
इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह माना जाता है कि आंवला नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने और भोग लगाने से मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आंवला को स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना गया है। इस दिन आंवले का सेवन करने से शरीर को विशेष लाभ मिलता है।