एक्शन के बिना बॉलीवुड फिल्में अधूरी हैं। यह बात तो लगभग सभी जानते ही हैं कि जिन एक्शन सीन पर हम तालियां बजाते हैं वह स्टार्स नहीं बल्कि उनके डुप्लिकेट करते हैं। पर्दे के पीछे भूमिका निभाने वाले स्टंटमैन (Stuntman) के बारे में तो बातें चलती रहती हैं आज आपकी एक ऐसी स्टंट वुमन से मुलाकात करवाएंगे जो 200 से ज्यादा फिल्मों में स्टंट कर चुकी हैं।
कर चुकी है कई खतरनाक स्टंट
क्या आपने कभी सोचा है कि धूम 2 (2006) में ऐश्वर्या राय बच्चन या जग्गा जासूस (2017) में कैटरीना कैफ के धमाकेदार एक्शन सीन के पीछे कौन थी। इन खतरनाक कारनामों को बेखौफ अंजाम देती है सनोबर पारदीवाला, जो 20 साल से बॉलीवुड में एक स्टंटवूमन के रूप में काम कर रही हैं। एक ऊंची चट्टान से कूदने से लेकर गहरे समुद्र में गोता लगाने तक, वह बॉलीवुड और अभिनेत्रियों के लिए कई खतरनाक और मौत को मात देने वाले स्टंट करती रही हैं।
ऐश्वर्या राय के लिए किया था पहला स्टंट
सनोबर पारदीवाला ने एक कराटे ब्लैक बेल्ट, एक जिम्नास्ट, और बहुत कम उम्र से एक पेशेवर तैराक होने के नाते 12 साल की उम्र में एक विज्ञापन में ऐश्वर्या राय बच्चन के लिए स्टंट डबल के रूप में प्रदर्शन करके अपने करियर की शुरुआत की थी। उनका पहला प्रोजेक्ट नक्षत्र डायमंड के लिए किया गया एक विज्ञापन था। अब उन्हें इस इंडस्ट्री में 20 से भी अधिक साल हो चुके हैं, इस दौरान वह आग में कूदने से लेकर पानी में डूबने तक के सारे करतब दिखा चुकी हैं।
फिल्म ‘भूत’ से बॉलीवुड में की Entry
सनोबर ने एक इंटरव्यू में पहली बार सेट पर स्टंट करने का अनुभव साझा करते हुए कहा था कि- ‘मुझे सेट पर पहली बार कैमरे के सामने करतब करने में अलग सा जुड़ाव महसूस हुआ। एहसास हुआ कि स्टंट मेरे लिए ही है.’। बता दें कि बॉलीवुड में उन्हें पहली बार उर्मिला मातोंडकर की फिल्म ‘भूत’ में काम करने का मौका मिला था। अब वह वह शार्पशूटिंग, ब्रॉडस्वॉर्ड, स्टाफ़, व्हिप चेन और समुराई के लिए राइफल और पिस्टल जैसे कई हथियारों का उपयोग करने में भी कुशल है।
हीरोइनों को देती है ट्रेनिंग
वह कहती हैं कि कला और हुनर की कोई सीमा नहीं होती है। वह स्टंट वुमन के साथ-साथ एक ट्रेनर भी हैं। उन्होंने बॉलीवुड की कई हीरोइनों को स्टंट करने के लिए प्रशिक्षित भी किया है। सनोबर का कहना है कि “स्टंट वुमन बनना आसान नहीं है। शारीरिक रूप से फिट रहने की निरंतर आवश्यकता है। स्टंट करने में सक्षम होने के लिए, लगातार दुबला और मजबूत शरीर बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिसके लिए कठोर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है ”।
इस सफर से बेहद खुश हैं सनोबर
सनोबर ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा था कि- "जब मैंने अपने अपने करियर की शुरुआत की तब इस क्षेत्र में ज़्यादा महिलाएं नहीं थी। पर्दे पर तो फिर भी महिलाएं दिखती थीं, लेकिन पर्दे के पीछे महिलाओं की संख्या काफ़ी कम थी। अब मैं परिवर्तन को देखकर खुश हूं, कि इस काम में अधिक से अधिक महिलाएं शामिल हो रही हैं" । कुछ उतार चढ़ाव के बावजूद वह कहती हैं कि वो अपने इस सफर से बेहद खुश हैं और इंडस्ट्री में सबकी काफ़ी इज़्ज़त करती हैं क्योंकि वो हमेशा से एक स्टंट वुमन बनना चाहती थी।