जन्माष्टमी का त्यौहार हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी यानि अगस्त महीने में मनाया जाता है। इस बार 15 अगस्त को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा। जन्माष्टमी से कई दिन पहले ही इसी तैयारियां खूब जोर-शोर से शुरू हो जाती हैं। लोगों के दिलों में इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साह होता है। इस दिन चारों तरफ भगवान श्रीकृष्ण के रंग में ही डूबा रहता है। वैसे तो सभी लोग इस त्यौहार की महत्ता जानते हैं लेकिन आज की युवा पीढ़ी शायद ही जन्माष्टमी मनाने का कारण जानती होंगी।
जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है
पौराणिक ग्रथों के अनुसार भगवान विष्णु ने इस धरती को पापियों के जुल्मों से मुक्त कराने के लिए भगवान कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। श्रीकृष्ण ने माता देवकी की कोख से इस धरती पर अत्याचारी मामा कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में अवतार लिया लेकिन उनका पालन पोषण माता यशोदा ने किया। श्रीकृष्ण बचपन से ही बहुत नटखट थे और उनकी कई सखियां थी।
जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती हैं
हर जगह अलग-अलग तरीके से जन्माष्टमी मनाई जाती है। कई जगहोें पर इस दिन फूलों की होली खेली जाती है और कई रंगो से होली खेलते हैं। इसके अलावा झाकियों के रूप में श्रीकृष्ण की मोहक अवतार देखने को मिलते हैं। मंदिरों को इस दिन विशेष तौर पर सजाया जाता है और कई लोग तो इस दिन व्रत भी रखते हैं। जन्माष्टमी के दिन मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को झूला झूलाया जाता है और मंदिरों में रासलीला भी देखने को मिलती है। मथुरा नगरी में इस दिन को बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है जोकि श्रीकृष्ण की जन्मनगरी है।