लड़का और लड़की भगवान के बनाएं इंसान हैं। कुछ लोग अपने जेेंडर से खुश न होकर अपना जेंडर बदवा लेते हैं, उन लोगों को ट्रांसजेंडर कहा जाता है। दुनिया में इस तरह के लोगों को अनदेखा किया जाता है। कुछ परिवार वाले तो इन तरह के लोगों से मिलना जुलना ही छोड़ देते हैं। ऐसे में आलोचनाओं के सहते हुए जिंदगी में अगर कोई अपनी काबलियत के दम पर अपना कामयाबी का मुकाम हासिल कर ले तो सारे शिकायतें भूल जाते हैं। आज हम कुछ ऐसे ही लोगों की बात कर रहे हैं, जिन्होने ट्रांसजेंडर होने पर हार नहीं मानी और अपना सपना साकार कर दिखाया।
पद्मिनी प्रकाश
तमिलनाडू की रहने वाली यह देश की पहली ऐसी ट्रांसजेंडर हैं, जिन्होंने करियर की शुरूआत टीवी सीरियल से की थी। उन्होंने न्यूज चैनल में एंकरिंग भी की है और पद्मिनी मिस ट्रांसजेंडर ऑफ इंडिया का खिताब जीतने वाली पहली ट्रांसजेंडर है। इसके अलावा वह कथक आर्टिस्ट और कथक डांसर भी हैं।
मानबी बंदोपाध्याय
फिलॉस्फी में पीएचडी करने वाली मानबी बंदोपाध्याय पहली महिला ट्रांसजेंडर है, जिन्होने यह डिग्री प्राप्त की हुई है। वह विवेकानंद सतोबारशिकी महाविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं और एर नॉबल भी लिख रही हैं।
कल्कि सुब्रमण्यम (Kalki Subramaniam)
कल्कि तमिलनाडू के पोलाची की रहने वाली है। उनके पास जर्नलिज्म,मास कम्यूनिकेशन और बौद्धिक शास्त्र में मास्टर डिग्री प्राप्त का हुई है। उन्होंने डांसर और एक्टिग तामिल फिल्मों में करियर की शुरूआत की है। इसके साथ ही वह सहोदारी फाउंडेशन की स्थापना भी कर चुकी हैं।
मधु बाई किन्नर
मेयर का चुनाव जीतने वाली मधु बाई किन्नर पहली ट्रासजेंडर हैं। उन्होंने चुनाव में 45 वोट से बीजेपी केडिडेट को हराया था।