हिमाचल में पिछले 17 सालों से पर्वतारोहण के क्षेत्र में कई सफलताएं हासिल कर चुकी मनाली की रमा ठाकुर अब इसी कड़ी में माउंट एवरेस्ट को फतह कर महिला सशक्तिकरण का संदेश देने जा रही है। रमा ठाकुर अगले माह से माउंट एवरेस्ट को फतह करने के लिए मनाली से रवाना होंगी। उनकी इस सोच के आड़े धन की कमी आ रही है।
रमा अपने सभी प्रयासों के बाबजूद अभी तक माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए नेपाल सरकार को रॉयल्टी के रूप में दी जाने वाली 23 लाख की रकम नहीं जुटा पाई हैं।मनाली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रमा ने कहा कि उन्होंने सभी संस्थाओं के अनुरोध किया है कि इस क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने का जो बीड़ा उन्होंने उठाया है उसमें उनका सहयोग करें। ताकि वह अपने इस उद्देश्य में सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहती हैं ताकि समाज और दुनिया को यह प्रमाणित कर सकें कि किसी भी उम्र की महिलाएं अगर ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं।
रमा ठाकुर 2007 में 17353 फुट ऊंची फ्रेंडशिप पीक, 2011 में 22280 फुट ऊंची लियो पुर्ज्ञाल को चढ़ते हुए 19400 फुट की ऊंचाई तक पहुंची थी जबकि एक टीम लीडर के तौर पर 2019 में 20050 फुट ऊंची युनाम पीक 2021 में 13780 फुट ऊंची चोटी खानपरी टिब्बा, 2022 में 19688 फुट ऊंची चोटी देऊ टिब्बा, और 2023 में 19341 फुट ऊंची किलिमंजारो पर फतह हासिल की है।
रमा के अनुसार भारत में पर्वतारोहण की अपार संभावनाएं होते हुए भी केवल 17 प्रतिशत महिलाएं ही इस क्षेत्र में हैं। उनका कहना है कि 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को वह इस ओर प्रेरित करना चाहती हैं। उन्होंने मनाली की सभी संस्थाओं से गुहार लगाई है कि उनके इस उद्देश्य में ज्यादा से ज्यादा वित्तीय सहयोग करें।