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Breastfeeding Week: ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़ी ये 6 बातें हैं मिथ, कभी न करें विश्वास

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Aug, 2018 10:19 AM
Breastfeeding Week: ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़ी ये 6 बातें हैं मिथ, कभी न करें विश्वास

जन्म के बाद कम से कम 6 महीने तक बच्चे का जीवन मां के दूध पर निर्भर करता है। इससे न सिर्फ बच्चे का विकास अच्छी तरह से होता है बल्कि इससे मां और शिशु कई समस्याओं से भी बचे रहते हैं। मगर आज हम आपको ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े कुछ ऐसे मिथक बताने जा रहे हैं, जिसे हर महिला सच मान लेती हैं। तो चलिए इस वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक(WBW) के मौके पर जानते हैं ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े कुछ झूठ, जिनपर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए।
 

ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े मिथ
1. ब्रेस्ट साइज
ज्यादातर महिलाओं का मानना है कि ब्रेस्ट साइज छोटा होने से शिशु को पर्याप्त दूध नहीं मिल पाता, जोकि गलत है। अगर मां स्वस्थ है तो शिशु को पर्याप्त दूध मिलने में कोई प्रॉब्लम नहीं होती। इसलिए अपनी डाइट का ख्याल रखें।

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2. सिर्फ बच्चे के लिए फायदेमंद
अगर आपको भी लगता है कि स्तनपान करवाना केवल शिशु के लिए फायदेमंद होता है तो आप गलत हैं। आपको बता दें कि ब्रेस्ट फीडिंग मां और शिशु दोनों के लिए अच्छी होती है। इतना ही नहीं, स्तनपान करवाने से महिलाओं में कैंसर का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है।
 

3. बिगड़ सकता है साइज
कई महिलाओं को लगता है कि स्तनपान करवाने से ब्रेस्ट साइज में फर्क पड़ जाता है, जोकि गलत धारणा है। क्योंकि इससे ब्रेस्ट साइज में कोई फर्क नहीं आता है बल्कि इससे मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहते हैं।
 

4. बीमार हाे ताे न पिलाएं दूध
मां का दूध शिशु के लिए अमृत के सामान माना जाता है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि मां के बीमार होने पर उसे बच्चे काे दूध नहीं पिलाना चाहिए तो यह गलत है। आपके बीमार होने पर दूध पिलाने से बच्चे के स्वस्थ पर काेई फर्क नहीं पड़ता।

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5. ब्रेस्ट फीडिंग पर दवाओं का साइड इफेक्ट
कुछ महिलाओं को लगता है कि सिजेरियन डिलिवरी के बाद दी जाने वाली दवाओं के साइड इफेक्ट से मां के शरीर में दूध बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। यह धारणा बिलकुल गलत है क्योंकि सिजेरियन डिलिवरी का लैक्टेशन से कोई संबंध नहीं है। बस आपको अपनी डाइट का ख्याल रखना चाहिए।
 

6. डिलवरी के तुरंत बाद दूध न पीलाना
मां के पहले दूध में गंदगी होती है। इसलिए महिलाओं को लगता है कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को फीड नहीं कराना चाहिए लेकिन आपको बता दें कि डिलिवरी के बाद का दूध शिशु के लिए सबसे फायदेमंद होता है। क्योंकि उसमें कोलोस्ट्रम नामक ऐसा तत्व होता है, जो शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

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