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Republic Day: दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान, जानिए कब और कैसे बना?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Jan, 2020 10:43 AM
Republic Day: दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान, जानिए कब और कैसे बना?

भारत का प्रमुख राष्ट्रीय पर्व 71वां गणतंत्र दिवस रविवार यानी कल सेलिब्रेट किया जाएगा। देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कोने-कोने में इस दिन के जश्न की तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं। स्कूल-कॉलेजों में भी स्टूडेंट्स इस दिन आयोजित होने वाले प्रोगाम के लिए तैयारियों में जुटे हैं। हर भारतीय के लिए 26 जनवरी बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि आजाद होने के बाद भारत इसी दिन पूर्ण गणतंत्रिक देश बना।

मगर, क्या आप जानते हैं कि आखिर देश का संविधान लागू करने के लिए यही दिन क्यों चुना गया और किसने लागू किया। चलिए आज हम आपको बताते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें...

पहले इस दिन लागू होना था देश का सविधान

बहुत कम लोग जानते हैं कि पहले 26 नवंबर 1949 में भारत का संविधान लागू किया जाता था लेकिन फिर 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ। दरअसल, 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को अंग्रेजों की गुलामी के विरुद्ध कांग्रेस ने 'पूर्ण स्वराज' का नारा दिया था, जिस वजह से इस दिन को चुना गया।

दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान

भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ था, जिसने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। इसके बाद दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान 2 साल, 11 माह, 18 दिन में तैयार हुआ, जिसे सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को सौंपा गया। इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

पुराना एक्ट हटाकर लागू हुआ नया कानून

यहीं नहीं, 26 जनवरी1950 में के दिन ही भारत सरकार एक्ट (1935) को हटाकर नया संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना, जिसके ठीक 6 मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, जिसके बाद उन्हें पहली बार भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी और इसी दिन उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया था।

संविधान को कागज पर उकेरने वाले थे प्रेम बिहारी

भारतीय संविधान का जिक्र होते ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का नाम सबसे पहले आता है। बेशक ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन होने के नाते बाबा साहेब ही संविधान के वास्तुकार थे। मगर, इसके इसे कागज पर उकेरने वाले शख्स प्रख्यात कैलिग्राफर (सुलेखक) प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे, जिन्होंने पूरे संविधान को अपने हाथों से कागज पर लिखा। उन्होंने अपनी कैलिग्राफी से संविधान की शुरुआती सामग्री और उसकी प्रस्तावना लिखी। उन्होंने इटेलिक शैली में बेहद खूबसूरती से संविधान लिखा, जिसमें उन्होंने एक भी गलती नहीं की।

26 जनवरी के दिन पूरे देश में सरकारी छुट्टी होती है। स्कूलों, कॉलेजों व अन्य संस्थानों में इस दिवस को बड़ी धूमधूाम से मनाया जाता है तो वहीं राजधानी दिल्ली में सैन्य परेड, सैन्य प्रदर्शनी, भारतीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय झंडे को सलामी और अन्य विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अगर आप किसी समारोह का हिस्सा बनने बाहर नहीं भी जा रहे तो भी आप घर पर परिवार के साथ इस दिवस को स्पैशल तरीके से सैलिब्रेट कर सकते हैं।

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