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दो बूंद जिंदगी की : दुनिया को पोलियो से मुक्त करने के लिए साथ आए दो बड़ी कंपनियां

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Apr, 2024 11:23 AM
दो बूंद जिंदगी की : दुनिया को पोलियो से मुक्त करने के लिए साथ आए दो बड़ी कंपनियां

अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो भारत अब पोलियो मुक्त देश हो चुका है। लाखों लोगों को विकलांग करने वाले पोलियो के विषाणु पर 18 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद भारत ने लगभग  विजय पा ली है। अब  इसी बीच भारत बायोटेक ने मुंह से दिए जाने वाले पोलियो के टीकों के उत्पादन और आपूर्ति सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नीदरलैंड स्थित बिल्थोवेन बायोलॉजिकल बी.वी. के साथ सहयोग किया है। 

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समझौते पर हुए हस्ताक्षर

बिल्थोवेन बायोलॉजिकल बी.वी., सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली शाखा है। कंपनी के बयान के अनुसार, दोनों भागीदारों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके तहत भारत बायोटेक भारत और विश्व स्तर पर आपूर्ति किए जाने वाले पोलियो के मुंह से दिए जाने वाले टीके (ओपीवी) के उत्पादन के लिए दवा संबंधी उत्पाद खरीदेगा। 

 

पोलियो को जड़ से मिटाना है लक्ष्य

भारत बायोटेक के कार्यकारी अध्यक्ष कृष्णा एला ने कहा- ‘‘ यह सहयोग.. टीका कंपनियों के बीच सहयोग की मिसाल है, मुंह से दिए जाने वाले पोलियो टीकों की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करता है और पोलियो को जड़ से मिटाने के देश के अभियान को बल देता है।'' सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा- ‘‘ हमारा लक्ष्य दुनियाभर से पोलियो को जड़ से मिटाना है..वंचित वर्ग पर इस घातक बीमारी के प्रभाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।''

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‘दो बूंद जिंदगी की’ का नारा रहा सफल

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने 1988 में विश्व को पोलियो मुक्त करने का अभियान आरंभ किया था। भारत में पोलियो टीकाकरण अभियान किसी एक बीमारी के खिलाफ चले अब तक के सबसे बड़े और लंबे अभियानों में से एक रहा है। यहां ‘दो बूंद जिंदगी की’ का नारा बेहद सफल रहा। भारत का स्वास्थ्य मंत्रलय, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और रोटरी इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं ने इनमें अहम भूमिकाएं निभाई। 

 

2014 में पोलियो मुक्त हुआ था भारत

2009 तक दुनिया भर में पोलियो के जितने मामले थे, उनमें आधे हमारे देश में ही थे। ऐसे में पोलियो मुक्त अभियान चलाने के लिए देश भर में करीब 33 हजार से अधिक निगरानी केंद्र बनाये गये।  23 लाख से ज्यादा लोग पोलियो की खुराक पिलाने के लिए तैनात किये गये। 2014 तक भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया गया था। 

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क्या है पोलियो

पोलियो एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई उपचार नहीं हो सकता। इसे केवल मुंह द्वारा दिये जानेवाले वैक्सिन यानी ओपीवी से रोका जा सकता है। स ओरल पोलियो वैक्सिन या ओपीवी का विकास 1961 में डॉ अल्बर्ट सैबिन ने किया था। भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के 192 सदस्य देशों के साथ 1988 में वैश्विक पोलियो उन्मूलन लक्ष्य का संकल्प लिया था। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नाइजीरिया जैसे देशों में अभी भी पोलियो के विषाणु मौजूद हैं, ऐसे में भारत पर खतरा अभी भी बरकरार है। 
 

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