ज्यादातर महिलाओं को अपने जीवन में कभी ना कभी, किसी ना किसी अवस्था में यौन समस्याएं होती हैं लेकिन अधिकतर महिलाएं इस बारे में खुलकर बात करने में शर्म महसूस करती हैं जबकि फीमेल सेक्सुअल डिस्फंक्शन के बारे में हर औरत को जानकारी होनी चाहिए। सेक्सुअल एडवाइस एसोसिएशन (Sexual Advice Association) की रिपोर्ट के अनुसार, युवा और मध्यम आयु वर्ग की लगभग एक-तिहाई महिलाओं और अधिक उम्र की आधी से ज्यादा महिलाओं को यौन समस्याएं प्रभावित करती हैं।
ये समस्याएं कई तरह की हो सकती हैं जैसेः-
संबंध बनाने की इच्छा खत्म हो जाना
चरम सुख प्राप्त ना होना
इंटरकोर्स के समय दर्द होना
अब इन सब समस्याओं के पीछे की वजह क्या है इसके लिए शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों ही कारणों की ओर ध्यान देने की जरूरत होती है।
सबसे पहले बात करते हैं इच्छा खत्म होने की...
औरत के जीवन के कुछ खास पड़ाव जैसे प्रैग्नेंसी के दौरान, बच्चा होने के बाद या स्ट्रेस के समय, महिलाओं की संबंध बनाने की इच्छा नहीं होती। कुछ तो इसे हर समय महसूस करती हैं। इसके शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कारण हो सकते हैं।
जैसेः डिप्रैशन
शारीरिक थकान
हार्मोंन्स गड़बड़ी
एल्कोहल-मादक पदार्थों या कुछ खास दवाइयों का सेवन
अगर महिला के शरीर में टेस्टोस्टेरोन लेवल कम हो जाए तो भी कामेच्छा में कमी आ सकती है।
चरम सुख ना मिलना
यह दो तरह के होता है प्राइमरी और सेकंडरी। जब किसी महिला को पहले कभी चरम सुख नहीं मिला हो तो इसे प्राइमरी कहते हैं और जब महिला को पहले चरम सुख प्राप्त हुआ था लेकिन अब नहीं होता तो इसे सेकंडरी कहते हैं। कुछ महिला को इस आनंद के लिए चरम सुख की जरूरत नहीं होती जबकि कुछ के लिए चरम सुख प्राप्त ना होना, एक समस्या बन जाती है।
इसकी प्राप्ति ना होने के कारण
यौन क्रिया की जानकारी ना होना या फिर इससे डरना
शर्म या हिचकिचाहट।
डिप्रैशन।
पर्याप्त उत्तेजना ना होना या इससे पहले कोई दर्दनाक यौन अनुभव हो सकते हैं।
इसके अलावा क्लाइटोरिस में रक्त और नसों की आपूर्ति को प्रभावित करने वाली कुछ खास मेडिकल स्थितियों पर भी शोध चल रहा है ताकि पता चल सके कि ये ऑर्गेज्म की प्राप्ति को प्रभावित करती हैं या नहीं।
यौन-मनोचिकित्सा थेरेपी इस दिक्कत पर काबू पाने में मदद कर सकती है। इसके द्वारा ही सेक्स-थेरेपिस्ट समस्या को जानने की कोशिश करते हैं। जैसे एक समस्या है वैजिनिज़्मस (Vaginismus)। मतलब यौन क्रिया के दौरान दर्द होना जिसे डिस्परेयूनिया (gyspareunia) कहते हैं।
यह तब होती है जब महिला की योनि के अंदर और चारों तरफ की मांस-पेशियां ऐंठने लगती हैं जिससे संबंध बनाना दर्दनाक हो जाता है। इसकी वजह योनि में कोई चोट या प्रसव दौरान समस्या हो सकती है। कई बार गर्भावस्था का डर भी योनि और उसके आस-पास के हिस्से में दर्द का कारण बन जाता है।
इसके लिए यौन शिक्षा , परामर्श और वजाइनल ट्रेनर्स के द्वारा उपचार किया जा सकता है।
मेनोपॉज के बाद दर्द होना
जब महिला को मेनोपॉज की स्थिति आती है तो भी संबंध बनाने में दर्द होता है क्योंकि इससे एस्ट्रोजन लेवल गिर जाता है और योनि सूखी महसूस होती है। इसके लिए लुब्रिकेशन क्रीम मददगार हो सकती है। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। दूसरा कारण फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (female genital mutilation (FGM) भी हो सकता है। इसमें महिला के जननांगों को जानबूझकर काटा- बदला या चोट पहुंचाई जाती है। अगर आपको लगता है कि यौन संबंधों में परेशानी की वजह एफजीएम है तो आप डॉक्टर से इस बारे में खुलकर बात कर सकते हैं।
इन केसेज में आप डॉक्टर, नर्स या थेरेपिस्ट से मदद ले सकते हैं। अगर तो टेस्टोस्टेरोन या एस्ट्रोजन जैसे हार्मोंन्स की कमी हो गई है तो हॉर्मोन रिप्लेस्मेंट थेरेपी की मदद ले सकते हैं।
शर्माएं नहीं और अपने साथी से अपनी समस्या के बारे में बात करें और एक साथ मिलकर किसी थेरेपिस्ट से मिलें।
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