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साल 2020 की कुछ तस्वीरें! एक तरफ मिला कईं साल बाद इंसाफ तो दूसरी तरफ पीड़ा में जली मासूम

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 31 Dec, 2020 01:44 PM
साल 2020 की कुछ तस्वीरें! एक तरफ मिला कईं साल बाद इंसाफ तो दूसरी तरफ पीड़ा में जली मासूम

साल 2020 की शुरूआत में लोगों ने सोचा ये नहीं होगा कि इस साल लोगों को क्या-क्या देखने को मिलेगा। एक तरफ यह साल जहां बेरोजगारी, आर्थिक तंगी और कोरोना से गुजरा वहीं महिलाओं और हमारे देश की लड़कियों के लिए भी यह साल काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। साल की शुरूआत में जहां कोरोना के अपना कोहराम मचाया वहीं मार्च में एक ऐसी खबर सुनने को मिली जिसने सबके मन के बोझ को कम कर दिया। हम बात कर रहे हैं निर्भया के इंसाफ की। इस इंसाफ के बाद देश में बेटी की सुरक्षा से लेकर इंसाफ तक बहुत बातें हुईं। लेकिन वहीं एक दिन हाथरस से बुरी खबर आ गई। इस घटना ने सब का दिल दहला दिया और लोगों को इसी असमंजस में डाल दिया कि क्या सच में लड़कियां सुरक्षित है या नहीं? आज हम आपको साल 2020 की वो तीन तस्वीरें दिखाते हैं जिसमें एक तरफ तो बदलते समाज की छवि नजर आ रही है तो वहीं दूसरी ओर वही देश नजर आ रहा है जिसमें आज भी एक लड़की सुरक्षित नहीं है। 

तस्वीर नंबर 1 

1. निर्भया को मिला इंसाफ

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साल 2012 का नाम जब भी लिया जाता है तो लोगों के मन में हमेशा ही निर्भया का केस आता है। वो रात जिसे याद कर आज भी देश का हर एक नागरिक कांप उठें। इस घटना के बाद लोगों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। देश की बेटी के लिए लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। हालांकि, निर्भया चाहे इस जंग में हार गई हो लेकिन उनकी मां की हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने लगातार बेटी के इंसाफ के लिए जंग लड़ी और आखिरकर 7 साल बाद निर्भया को इंसाफ मिला और चारों दोषियों को फांसी दे दी गई।

तस्वीर नंबर 2 

2. हाथरस केस

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निर्भया के केस के बाद सभी को लगा कि हमारा देश तरक्की की राह पर आ गया है लेकिन इसी साल एक ऐसी घटना सामने आ गई जिसने सबको दुख में डाल दिया। 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया। लड़की के साथ मारपीट भी की गई। गंभीर हालत में लड़की को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई। लेकिन इसके बाद हंगामा तब मचा जब बिना परिवार वालों को शव दिए उस मासूम का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इस घटना पर बहुत सारे सेलेब्स का गुस्सा फूटा। इस बात से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि इसपर राजनीति भी काफी हुई लेकिन आखिरकार वही हुआ पीड़िता की मौत और केस में पड़ती लंबी तारीखें। 

तस्वीर नंबर 3 

3.  सिस्टर अभया को मिला इंसाफ 

इस साल न सिर्फ निर्भया को बल्कि देश की एक और बेटी को इंसाफ मिला। केरल में सबसे बड़ी पहेली बने सिस्टर अभया मर्डर केस का फैसला इसी साल सुनाया गया। 28 साल बाद, 22 दिसंबर 2020 को इस मर्डर केस में अदालत ने 2 आरोपियों को दोषी ठहराया। दरअसल एक कॉन्वेंट में नन रहीं 18-19 साल की अभया की हत्या के लिए एक पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उम्रकैद के साथ कोट्टूर को धारा 302 के तहत 5 लाख का जुर्माना, सबूत मिटाने के लिए 7 साल की जेल और कॉन्वेंट में गैर-अधिकृत तरीके से दाखिल होने के लिए उम्रकैद की सजा दी गई है। वहीं, सिस्टर सेफी को धारा 302 के तहत मर्डर के लिए उम्रकैद, 5 लाख जुर्माना, सबूत मिटाने के लिए 7 सालों की सजा मिली है।

ये था मामला

यह मर्डर मिस्ट्री 28 साल पहले 27 मार्च, 1992 की सुबह शुरू हुई थी, जब 21 साल की सिस्टर अभया का शव कुएं में पाया गया। CBI की रिपोर्ट के मुताबिक, कोट्टायम के एक कॉन्वेंट में सिस्टर अभया की की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि उन्होंने थॉमस कोट्टूर, 1 अन्य पादरी होजे फूथराकयाल और सिस्टर सेफी को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। जब तक सिस्टर अभया भाग पातीं आरोपियों ने उन्हें पकड़कर पीड़िता का मुंह दबा दिया क्योंकि वह चीखने की कोशिश कर रही थीं। तभी सिस्टर सोफी ने किचन से कुल्हाड़ी लेकर अभया के सिर पर मार दी। हमले के बाद अभया जमीन पर बेजान होकर गिर गईं। इसके बाद अपराध छिपाने के लिए तीनों अपराधियों ने सिस्टर अभय के शव को कुएं में फैंक दिया।

साल 2020 में देश की 2 बेटियों को इंसाफ मिलने पर लोगों यह तो कहे रहे हैं कि देश बदल रहा है लेकिन इससे यह भी पता लगता है कि हमारे देश में बेटियों को इंसाफ तो मिलता है लेकिन इसके लिए पीड़िता के परिवार को सालों तक का इंतजार करना पड़ता है। बार-बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। 

अब साल 2021 में हम यही आशा करते हैं कि आने वाले साल में महिलाओं के प्रति अपराध कम हो और इस देश की महिला विदेशों तक भारत का नाम रोशन करे। 

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