25 APRTHURSDAY2024 1:09:28 PM
Nari

ग्लूटेन युक्त आटा बना रहा महिलाओं को बांझ, जानिए इलाज से लेकर बचाव तक सबकुछ

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 07 Feb, 2021 11:56 AM
ग्लूटेन युक्त आटा बना रहा महिलाओं को बांझ, जानिए इलाज से लेकर बचाव तक सबकुछ

आजकल लोगों में ग्लूटेन डाइट का क्रेज काफी देखने को मिल रहा है। ग्‍लूटेन एक तरह का प्रोटीन होता है जो गेहूं, जौ, राई और ओट्स और इससे बनने वाली चीजों में पाया जाता है। आमतौर पर इससे वजन घटाने से लेकर डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलती है लेकिन हाल ही में एक शोध ने दावा किया है कि ग्लूटेन डाइट महिलाओं को बांझ बना सकती है।

महिलाओं में बढ़ रहा बांझपन

दरअसल, कुछ लोगों को ग्लूटेन डाइजेस्ट नहीं होता , जिसे मेडिकल भाषा में सीलिएक की बीमारी कहा जाता है। मगर, एम्स द्वारा किए शोध के मुताबिक, सीलिएक की बीमारी से महिलाओं में  बांझपन की समस्या बढ़ती जा रही है। शोध से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इसके कारण शादियां भी टूट रही हैं। वहीं, लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करने से रिफ्रैक्ट्री सीलियक रोग, आंतों से खून बहना या छेद होना, छोटी आंत का कैंसर हो सकता है।

PunjabKesari

क्या है सीलियक रोग?

सीलिएक रोग, जिसे स्प्रू (Sprue), कोएलियाक (Coeliac), ग्लूटेन संवेदी आंत रोग भी कहा जाता है, प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा दिया गया रिएक्शन है। दरअसल, ग्लूटेनयुक्त भोजन आंत की परतों को क्षति पहुंचाता है। दरअसल, छोटी आंत ग्लूटेन को तोड़ नहीं पाती और बिना पचा ग्लूटेन आंत की परतों को नुकसान पहुंचाने लगता है, जिससे शरीर को कई समस्याएं होने लगती है।

PunjabKesari

सीलिएक बीमारी के लक्षण

- अपच, उल्टी, मतली,
-एनीमिया, अचानक वजन कम होना
-शरीर में ऐंठन
-मुंह में छाले
-स्भाव में चिड़चिड़ापन
-हड्डियों और मांसपेशियों की कमजोरी
-हाथ-पैर में झुनझुनी
-त्वचा पर निशान पड़ना
-लगातार सिरदर्द और थकान
-बाल झड़ना
- विटामिन व पोषक तत्वों की कमी

बच्चे भी हो रहे शिकार

सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि यह बीमारी बच्चों को भी काफी प्रभावित कर रही है, जिसके कारण उनकी लंबाई और वजन पर असर पड़ता है। एक्सपर्ट का कहना है कि ज्यादातर महिलाएं इस बीमारी के बारे में नहीं जानती और ग्लूटेन फूड्स खाती रहती हैं। ऐसे में महिलाएं बांझपन की ओर बढ़ रही हैं। अगर किसी को एक बार सीलिएक हो जाए तो उसे ग्लूटेन फ्री भोजन ही करना चाहिए।

PunjabKesari

इलाज और सावधानी

1. इससे बचने के लिए इस बीमारी से ग्रस्त महिलाओं व बच्चों को ग्लूटेन फ्री चीजें जैसे दाल, मक्की, बाजरा, चावल, डेयरी प्रॉडक्ट, नॉनवेज, फ्रूट ही खाना चाहिए।
2. साथ ही डाइट में विटामिन, मिनिरल्स, कैल्शियम युक्त फूड्स जैसे दूध, दही, पनीर, बादाम, मछली और ब्रोकली लें।
3. एनीमिया हो जाए तो आयरन युक्त फूड्स जैसे सुखे मेवे, मछली, चिकन, चुकंदर, गाजर, फलियां आदि लें। विटामिन-बी के लिए हरी सब्जियां, अंडा, दूध, संतरे का रस लें।

PunjabKesari

इन्हें कहें 'ना'

खाने में ग्लूटेन युक्त चीजें जैसे गेहूं, जौ, रागी से बनी चीजें जैसे आटा, मैदा, कस्टर्ड, सूजी, पेटीज, ब्रेड, बिस्किट, नूडल्स, पास्ता, सूप पाउडर, गेहूं के फ्लेक्स, चॉकलेट, डिब्बाबंद सब्जियां और चटनी से परहेज करें।

मां बनने में दिक्कत या ऊपर दिए लक्षणोंं में से कोई भी संकेत मिले तो गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट या गाइनकॉलजिस्ट से सलाह लेकर ब्लड टेस्ट, एंडोस्कोपी, छोटी आंत की बायोप्सी, आनुवांशिक जांच करवाएं, ताकि समय रहते इसका इलाज किया जा सके।

Related News