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एक नहीं बल्कि पांच तरह का होता है नमक, जानिए आपके लिए कौन-सा है बैस्ट

  • Edited By Priya verma,
  • Updated: 24 Jul, 2018 06:24 PM
एक नहीं बल्कि पांच तरह का होता है नमक, जानिए आपके लिए कौन-सा है बैस्ट

सब्जी में नमक की सही मात्रा का होना बहुत जरूरी होता है। इससे शरीर में आयोडीन की कमी पूरी होती है और कई रोगों से राहत मिलती है। इसके अलावा खाने में नमक की कमी होने से फिकापन आ जाता है। वहीं, ज्यादा नमक सब्जी को कड़वा बना देता है। वैसे तो हर रसोई में सादा नमक इस्तेमाल होता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत तरह का नमक होता है। सब्जी से लेकर फ्रूट और सलाद के लिए अलग-अलग तरह का नमक इस्तेमाल होता है। आइए जानें 5 तरह के नमक और इनके फायदे। 

 

सादा नमक

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इस नमक का इस्तेमाल हर घर में किया जाता है। सादे नमक में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो शरीर में आयोडिन की मात्रा पूरी हो जाती है। वहीं, जरूरत से ज्यादा इसका सेवन करने से हड्डियों पर इसका बुरा असर पड़ने लगता है। इस नमक के बिना खाने का स्वाद भी अधूरा लगता है इसलिए सही मात्रा में इसका सेवन करना बहुत जरूरी है। 

 

समुद्री नमक

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सी साल्ट यानि समुद्री नमक समुद्र से प्राप्त होने वाला नमक का पहला रुप है। इसमें किसी तरह का कोई रिफाइन इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसे बहुत से ब्यूटी प्रॉडक्ट में भी इस्तेमाल किया जाता है। खाने में यह भी नमकीन ही होता है। इससे कब्ज, पेट से संबंधित रोग,सूजन, थकान आदि परेशानियों से राहत मिलती है। 


काला नमक

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फ्रूट चाट,सलाद,जूस,नींबू पानी और स्नैक्स के लिए ज्यादातर इस नमक का इस्तेमाल किया जाता है। सादे नमक से इसके स्वाद में थोड़ा फर्क होता है। बहुत सी देसी दवाइयों में भी काला नमक शामिल किया जाता है। इससे बदहजमी,पेट दर्द, पेट की गैस आदि कई परेशानियों से राहत मिलती है लेकिन जरूरत से ज्यादा इसका सेवन सेहत को बिगाड़ भी सकता है। 

 

लो-सोडियम सॉल्ट

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हाई ब्लड प्रैशर के रोगी को डॉक्टर यह नमक खाने की सलाह देते हैं। इसमें सादे नमक की तरह ही सोडियम और पोटेशियम क्लोयराइड होते हैं लेकिन इसकी मात्रा सादे नमक के मुकाबले कुछ कम होती है। दिल के रोगियों और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह फायदेमंद है। 


सेंधा नमक

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सेंधा नमक को शुद्ध नमक माना जाता है। ज्यादातर इसका इस्तेमाल लोग व्रत में करते हैं और इसे व्रत वाला नमक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कैल्शियम,पौटाशियम और मैग्नीशियम की मात्रा सादे नमक से ज्यादा होती है लेकिन इसमें आयोडीन नहीं होता। यही कारण है कि खाने में लगातार इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसकी कमी से घेंघा रोग होने का डर रहता है जो खासकर नमक से प्राप्त होता है। 
 

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