समाज में ना जाने ऐसी कितनी महिलाएं, जिनके काम के बारे में लोगों को जानने की जरूरत है। आज हम आपको मध्य प्रदेश की एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं। आज हम आपको मध्य प्रदेश के बाड़वानी जिले के बोड़लई गांव की रहने वाली ललिता मुकाटी से मिलवाने जा रहे हैं। एमपी की 50 वर्षीय ललिता एक महिला किसान हैं, जो ऑर्गैनिक खेती व बागवानी के दम पर हर महीने लाखों कमा लेती हैं।
पति से मिली खेती करने की प्ररेणा
ललिता के पति सुरेश चंद्र कृषि में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और वह घर की 36 एकड़ जमीन पर खेती करते थे। हालांकि उनका मन आगे की पढ़ाई करने का था लेकिन किन्हीं वजहों से वे ऐसा नहीं कर पाए। अपने पति से प्रेरणा लेकर ललिता ने भी खेती करने की ठानी। इसके बाद उन्होंने बगीचे में सीताफल, आंवला, केले और नींबू के पेड़ लगाएं। आज वह इनसे अच्छी खासा कमा लेती हैं।
हर महीने 1 लाख कमाती हैं ललिता
ललिता ऑर्गेनिक फार्मिंग करके हर महीने 80 हजार से 1 लाख रूपए कमा लेती हैं। 2016 में ललिता के खेत मध्य प्रदेश बायोलॉजिकल सर्टिफिकेशन बोर्ड द्वारा प्रमाणित किए गए, जिसके बाद अब वे महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों में अपने फल बेच सकती थीं। वह गांव के बाकी लोगों को भी ऑर्गैनिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
पुरस्कार से किया गया है सम्मानित
ललिता को अपनी इस उपलब्धि के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से सर्वश्रेष्ठ महिला किसान का पुरस्कार भी मिल चुका है। वहीं, ललिता को पूरे देश में जैविक खेती करने वाली 112 महिलाओं के साथ प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए भी चुना गया था। 2014 में ललिता व उनके पति को मुख्यमंत्री किसान विदेश अध्ययन योजना के तहत चुना गया और उन्हें जर्मनी व इटली जैसे देशों में घूमने का मौका मिला।
कुछ ही सालों में सीखा खेती करना
ललिता बताती हैं, कि पहले वह घर व बच्चों को संभालती थी लेकिन जब बच्चे बड़े हुए थे तो उन्होंने अपने पति का हाथ बटाने की सोची। शुरू के कुछ सालों में ललिता ने खेती करना सीख लिया लेकिन यह खेती सामान्य सी होती थी, जिसमें उन्हें कुछ पैसे ही मिल पाते थे। फिर उन्होंने सोचा कि अगर आर्गेनिक खेती की जाए तो लागत भी कम पड़ेगी और पैदावार भी अच्छी होगी। इसके बाद उन्होंने 2015 में ऑर्गैनिक फार्मिंग को अपनाया।
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