प्रेग्नेंसी पीरियड हर महिला के जीवन में एक खास पड़ाव होता है। इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। वजन बढ़ने के अलावा, त्वचा और बालों संबंधी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ता है, लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है प्रेग्नेंसी आपकी उम्र को बढ़ावा भी दे सकती है? यदि नहीं तो यह सच है कि गर्भवस्था उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज करती है। यह बात हाल ही की स्टडी में सामने आई है। स्टडी करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रेग्नेंट होने से आपकी बायोलॉजिकल उम्र तेजी से बढ़ सकती है।
प्रेग्नेंसी में बढ़ेगी उम्र
यह स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुई है। इस स्टडी के वैज्ञानिकों का कहना है कि जो महिलाएं एक बार प्रेग्नेंट हो चुकी हैं उनमें उम्र बढ़ने के लक्षण तेजी से दिखे हैं बजाय उनके जो महिलाें कभी भी प्रेग्नेंट नहीं हुई। अपने इस शोध में वैज्ञानिकों की टीम ने सर्वे के जरिए डेटा इकट्ठा किया। यह अध्ययन फिलीपींस में रहने वाली 1735 महिलाओं पर किया गया है। इन महिलाओं के प्रजनन इतिहास और डीएनए सैंपल की रिसर्चस न जांच की। शोध के जरिए उन्होंने यह पता लगाया कि बच्चा पैदा करने का महिलाओं के शरीर पर क्या असर होता है।
छह साल तक की गई महिलाओं की निगरानी
अध्ययन में शामिल हुई 825 महिलाओं पर किए गए शोध से यह पता चला कि गर्भवस्था के साथ महिलाओं की बायोलॉजिकल एज 2-3 महीने तक बढ़ सकती है। 6 साल तक इन महिलाओं पर निगरानी की गई और पाया गया कि जितनी भी बार यह महिलाएं प्रेग्नेंट हुई उनकी बायोलॉजिकल उम्र उतनी ही तेजी से बढ़ी है।
दो तरह की होती है उम्र
एक इंसान की दो उम्र होती है। पहला क्रोनोलॉजिकल एज जो व्यक्ति के अस्तित्व से जुड़ी होती है यानी की आप कितने समय तक जिंदा रहते हैं यह आपकी क्रोनोलॉजिकल एज है और दूसरी बायोलॉजिकल एज जो कि यह बताती है कि आपकी कोशिकाएं यानी की सेल्स कितने पुराने हैं। इस अध्ययन में पुरुषों को भी शामिल किया गया लेकिन उन पर कोई भी असर देखने को मिला। ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यह असर सिर्फ गर्भवस्था या फिर स्तनपान के साथ जुड़ा हुआ है।
छोटी उम्र की महिलाओं पर दिखा ज्यादा असर
शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे अध्ययन से यह पता चलता है कि गर्भवस्था बायोलॉजिकल एज को बड़ा सकती है। इस बात का असर कम उम्र की बच्चा पैदा करने वाली महिलाओं पर साफ दिखाई दिया है। हमारा यह पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें समय के साथ महिलाओं की गर्भवस्था की संख्या में बदलाव और उनकी बायोलॉजिकल उम्र में बदलाव के बीच संबंध दिखाई दिया है।