भारत में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे है। ऐसे में महिलाएं भी अपनी सुरक्षा और हक़ को लेकर काफी सजग हो गई है। तभी तो धर्मशाला के डिस्ट्रिक्ट चंबा की महिला पुलिस कर्मियों ने औरतों को न्याय दिलाने के लिए एक ऐसा कदम उठाया है जो अपने आप में एक सविंधान की जीत है । इन्होने अपने इस जुट का नाम 'खाकी वाली सखी' रखा है। चम्बा की ये पुलिस कर्मियों ने घरेलू हिंसक से पीड़ित महिलाओं के लिए एक मुहीम खड़ी की है। जो घर-घर में हो रहे हिंसा को असल मायने में रोक रहा है। आइए आपको बताते है कि 'खाकी वाली सखी' कैसे हर औरत को न्याय दिलवाती है।
-अध्यक्ष ने सुनाया दिल दहला देने वाला किस्सा
दरअसल, इस जुट की अध्यक्ष मोनिका भुतुंगरू ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने अपने काम करने के हर पहलू को बहुत अच्छी तरह से समझाया है। उन्होंने सबसे पहले बताया कि किस तरह उनके इलाके में घरेलु हिंसा का बोलबाला था कि एक बार एक औरत 20 किमी तक बर्फ पर नंगे पांव चली थी वो भी बस इसलिए क्योंकि उस औरत के पति ने उन्हें घर से बेघर कर दिया था।
-कैसे होती है घरेलु हिंसा की शुरुआत ?
अध्यक्ष मोनिका ने कहा की - घरेलु हिंसा की शुरुआत हमेशा से घर में हुए छोटे-छोटे झगड़ों से ही होती है। खासकर के जब औरतें मारपीट को नजरअंदाज कर देती है। ऐसे में पतियों को अपनी पत्नियों पर दूसरी बार हाथ उठाने का मौका मिल जाता है।
-क्या करती है 'खाकी वाली सखी' ?
इन महिला पुलिस कर्मियों ने एक जुट बनाया है जोकि हर महीने आने वाली कम्प्लेंट्स पर नजर रखती है। इन शिकायतों को FIR के साथ-साथ वाट्सअप ग्रुप पर भी दर्ज किया जाता है। शिकायत दर्ज होने के लिए या तो मोनिका जी को संपर्क करना है या अन्य महिला कॉन्स्टेबल को जो खुद दर्ज हुए घर में जाकर सारी पूछताछ करेंगी। फिर हर शिकायत पर एक्शन लिया जाता है। एक्शन लेने के बाद 6 महीने तक उन औरतों से पूछा जाता है कि क्या आपके साथ दोबारा तो हिंसा नहीं हुआ ? अगर उनका जवाब यह होता है कि वो अब सुरक्षित है तो तब उन्हें उस वाट्सअप ग्रुप से डिलीट यानी हटा दिया जाता है। शुरुआत में 461 शिकायतें दर्ज की गई थी। 2019 में 91 नंबर डिलीट किए गए है यानी 461 औरतों में से 91 औरतें घरेलू हिंसा से अब सुरक्षित है।
-कितने केसेस का जमावड़ा था यह इलाका ?
मोनिका जी बताती है कि धर्मशाला के चम्बा डिस्ट्रिक्ट में 5 साल में 4 मर्डर, 23 अपनी जान देने की कोशिश करने वाली महिलाएं और 35 घरेलू हिंसा की पीड़िताओं की खबर सामने आई थी। ऐसे में किसी न किसी को इन औरतों की मदद में आगे आना ही था।
महिला अध्यक्ष मोनिका और उनके साथियों को हर नारी का सलाम है। ऐसी ऑफिसर्स से सिर्फ देश का नाम रौशन ही नहीं बल्कि आगे भी बढ़ता है।
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