शादी के बाद दो लोगों का जीवन बदल जाता है। लड़का या लड़की पति और पत्नी बन जाते हैं। खासकर लड़कियों के जीवन में शादी के बाद बहुत सारे बदलाव होते हैं। उन्हें अपने माता पिता का घर छोड़कर पति के घर पर रहना होता है। पत्नी बनने के साथ ही लड़की बहु, भाभी और भी कई सारे रिश्तों से जुड़ जाती है। ऐसे में शादी के बाद लड़की अपने ससुराल को अपना सके, उन्हें ससुरालवालों के साथ तालमेल बिठाने में परेशानी न आए और उनका शादीशुदा जीवन खुशहाल रहे, इसके लिए मां को अपनी बेटी को शादी से पहले कुछ सलाह देनी चाहिए।
घर के कामों में मदद करें
बेटी को सिखाएं कि ससुराल उसका घर है और ससुराल वाले परिवार। ऐसे में अपने परिवार और घर की जिम्मेदारी को समझे। हो सकता है कि मायके में बेटी ने कभी अधिक घर के काम न किए हों लेकिन ससुराल में उन्हें सास की मदद करने की सलाह दें। उन्हें पहले से ही यह बात सिखाएं कि मायके में जितना काम करती हैं, ससुराल में उससे ज्यादा करना पड़ सकता है। इसलिए कामकाज के लिए तैयार करें और इस बदलाव से घबराएं नहीं।
तौर तरीके अपनाएं
हर पेरेंट्स को शादी से पहले अपनी बेटी को ये सिखाना चाहिए कि वह ससुराल का रहन सहन और तौर तरीके अपनाएं। मायके और ससुराल के रहन सहन में फर्क हो सकता है। इस फर्क को पहचानें और ससुराल के रहन सहन के मुताबिक खुद को ढ़ालें। बेटी को ससुराल में जल्दी उठने की आदत डालने को कहें।
आदर करें
जिस तरह से बेटी अपने पेरेंट्स से प्यार करती है, उसी तरह से उसे ससुराल वालों से भी प्यार करना चाहिए। बेटी को शादी से पहले ये बात सिखाएं कि ससुराल उसका एक और परिवार है, जहां उसे हर किसी का आदर करना चाहिए। सास ससुर का माता पिता की तरह सम्मान करें और देवर व ननद को छोटे भाई बहन की तरह स्नेह देना चाहिए, ताकि ससुराल वाले बेटी को खुले मन से अपना सकें।
जल्दी राय न बनाएं
शादी के बाद अक्सर लड़की को ससुराल वालों को समझने में वक्त लगता है। लोगों को एक दूसरे को समझने में वक्त लगता है। ऐसे में हो सकता है कि किसी रिश्तेदार का शुरुआती इम्प्रेशन अच्छा न हो। ऐसे में बेटी को सिखाएं कि झट से कोई राय न बनाएं। बेटी को समझाएं कि वह ससुराल जाने पर लोगों को समझने के लिए वक्त लें।