कई पेरेंट्स अपने बच्चों को इतना प्यार देते हैं कि वह प्यार-प्यार में बदतमीज बन जाते हैं। कई बार तो बच्चे इतनी हद पार कर देते हैं कि अपनी उम्र के बच्चों को पीटना शुरु कर देते हैं। बच्चों की ऐसी आदत के चलते उनका कोई दोस्त भी नहीं बन पाता। ऐसे बच्चे हमेशा अकेले ही रहते हैं। बच्चों की अगर ऐसी आदत बदली न जाए तो वह बड़े होने पर भी ऐसी बदतमीजी ही करते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आप बच्चों का बुरा व्यवहार कैसे बदल सकते हैं...
सजा देने से बचें
जरुरी नहीं कि बच्चे न गलती कि है और आप उन्हें उस गलती की सजा देकर ही सुधार सकते हैं। कई बार सजा देने के कारण बच्चे और भी जिद्दी हो जाते हैं और इसके चलते वह माता-पिता से छिपकर भी गलतियां करने लग जाते हैं। यह आदत उनकी कई बार इतनी खराब हो जाती है कि उन्हें यह समझ ही नहीं आता कि वह दूसरों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि बच्चे ऐसे न बनें तो उन्हें गलती पर सजा न दें। बल्कि उन्हें समझाएं उनसे बात करें। इस तरह वह अपनी गलती को सुधार भी पाएंगे।
बच्चे को बढ़ावा न दें
पेरेंट्स ही अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन करते हैं ऐसे में अगर वह बच्चों को सही रास्ता नहीं दिखाएंगे तो कौन दिखाएगा। परंतु यह जरुरी नहीं कि आप बच्चे का हर काम में साथ दें। अगर वह कोई गलती करता है तो आप उसको समझाएं। उसकी गलती को बढ़ावा देने से वह और भी बदतमीज बनेंगे। हर काम में हारने की भावना बच्चे को गलत राह पर भी लेकर जा सकती है। ऐसे में उनका साथ देने की जगह बच्चे को समझाएं जरुर।
बच्चे के साथ अच्छे से पेश आएं
कई बार बच्चे इसलिए भी जिद्दी और गुस्सैल बनते हैं क्योंकि पेरेंट्स उनके साथ अच्छे से पेश नहीं आते। छोटी-छोटी गलती पर पेरेंट्स बच्चों को डांटने लग जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को चाहिए कि वह बच्चों के साथ प्यार से पेश आएं और यदि बच्चे से कोई गलती हुई है तो पहले उसे समझने की कोशिश करें। उसने गलती क्यों की है यह बच्चे को बताएं। इससे बच्चे का गुस्सा कम होगा और वह दूसरों के साथ बदतमीजी भी नहीं करेगा।
बच्चे का अपमान न करें
कई बार पेरेंट्स बच्चे को सबक सिखाने के चक्कर में उनकी बेइज्जती करने लगते हैं लेकिन आप खुद ही इस बात को सोचें कि क्या ऐसा करना सही होगा। खासकर अगर आप दूसरों के सामने बच्चे की बेइज्जती करते हैं तो वह गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं। ऐसे में खुद पर कंट्रोल रखें और दूसरों के सामने बच्चे के साथ गलत व्यवहार न करें।