जो लाेग सोचते हैं कि सिर्फ बच्चे को पैदा करने तक की महिलाओं को कष्ट होता है उसके बाद तो उनकी जिंदगी आसान हो जाती है वह गलत है। क्योंकि एक महिला की असली परिक्षा तो मां बनने के बाद शुरू होती है। डिलीवरी के बाद उनके शरीर में बेहद बदलाव आते हैं, जिसके चलते उन्हें कई परेशानियाें का सामना करना पड़ता है। वहीं अगर सी-सेक्शन हुआ है तो महिला को रिकवर करने में अधिक समय लगता है। आज जानते हैं इससे जुड़ी दिक्कतों के बारे में ।
देखभाल ना करने पर पक जाते हैं टांके
दरअसल बच्चे काे निकालने के लिए पेट पर एक बड़ा कट लगाया जाता है, जिसे बंद करने के लिए टांके लगाए जाते हैं। अगर ऑपरेशन के बाद अच्छे से देखभाल ना की जाए तो टांकों के पकने का खतरा बन जाता है। इस स्थिति में पस निकलता, पेट में दर्द, सूजन की परेशानी भी शुरू हो जाती है। पहले स्टिच में जो दर्द होता है वैसा ही दर्द टांके पकने पर भी होता है। यदि टांकें ठीक नहीं हो पाते, तो रोजाना ड्रेसिंग करने की जरूरत भी पड़ती है।
डिलीवरी के बाद टांकों को इंफेक्शन से बचाने के तरीके
-टांके वाली जगह को साफ रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो इंफेक्शन हो सकता है। नहाने के बाद टांके वाली जगह को जरूर सुखाएं और शुरुआती दिनों में रोज बैंडेज बदलें।
-टांके वाली जगह पर दर्द और सूजन होने पर बर्फ से भी सिंकाई कर सकते हैं। इससे इंफेक्शन बढ़ने का खतरा कम होता है।
-शरीर में पानी की कमी होने पर भी टांके पकने की संभावना अधिक हो जाती है, इसलिए मां को भरपूर पानी पीना चाहिए।
-सिजेरियन के बाद टांकों पर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स लगाने से भी खुजली और इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
-कुछ महीने तक दौड़ना, बहुत अधिक स्ट्रेन वाले एक्सरसाइज करना, सीढियां चढ़ने-उतरने से भी परहेज करना चाहिए।
-डिलीवरी के बाद एंटी-बायोटिक दवाईयों का सेवन सही समय पर और सही तरह से करना चाहिए, इससे टांके पकने की समस्या नहीं होगी।
इन बातों का भी रखें ,ध्यान
कभी भी प्रसव के तुरंत बाद वेट लॉस या क्रेश डाइटिंग नहीं करें, क्योंकि उस समय आपका शरीर रिकवर कर रहा होता है। यदि ब्रेस्टफीड करा रही हैं, तो आपको दो गुने पोषण की जरूरत होगी।वहीं अगर प्रेग्नेंसी में महिला को खून की कमी होती है या हीमोग्लोबिन कम होता है तो इससे बाद में टांके पक सकते हैं। इसलिए, गर्भावस्था में ही महिलाओं काेअपनी सेहत का संपूर्ण ध्यान रखना चाहिए।
टांको के निशान को दूर करने के कुछ घरेलू नुस्खे
- घाव भरने पर नींबू व शहद मिक्स कर उस जगह पर 5 मिनट मसाज करें और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें फिर ताजे पानी से साफ कर लें। नियमित रूप से ऐसा करने पर आप खुद फर्क महसूस करेंगी।
- टी ट्री व लेवेंडर ऑयल को मिलाकर सी-सेक्सन के निशान पर मसाज करें, इससे घाव के निशान धीरे-धीरे गायब हो जाएंगे। इस प्रकिया को दिन में एक बार करें।
-दिन में 2 बार एलोवेरा जैल से मसाज करने से भी दिखने लगेगा असर। याद रखें कि नैचुरल एलोवेरा जैल का ही इस्तेमाल करें।