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Liver Cancer Treatment: अमरूद में छुपा लिवर कैंसर का इलाज! वैज्ञानिकों ने खोजी नई रिसर्च

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 24 Sep, 2025 10:26 AM
Liver Cancer Treatment: अमरूद में छुपा लिवर कैंसर का इलाज! वैज्ञानिकों ने खोजी नई रिसर्च

नारी डेस्क:  लिवर कैंसर आज दुनिया भर में तेजी से बढ़ने वाली गंभीर बीमारियों में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी रसोई में मिलने वाला एक साधारण फल  अमरूद  इस बीमारी से लड़ने में मददगार हो सकता है? हाल ही में वैज्ञानिकों ने अमरूद पर एक नई रिसर्च की है, जिसमें इस फल के कई  गुण सामने आए हैं, जो लिवर कैंसर के इलाज में सहायक हो सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे अमरूद और उसकी खास रेसिपी लिवर की सेहत के लिए एक नई उम्मीद बन सकती है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ डेलावेयर के शोधकर्ताओं ने अमरूद के पौधों से निकले मॉलिक्यूल्स की मदद से एक नया और सस्ता इलाज विकसित किया है।

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नेचुरल प्रोडक्ट टोटल सिंथेसिस तकनीक

वैज्ञानिकों ने 'नेचुरल प्रोडक्ट टोटल सिंथेसिस' नामक तकनीक का इस्तेमाल कर इन मॉलिक्यूल्स को लैब में दोबारा तैयार करने का आसान और किफायती तरीका खोजा है। इस तकनीक से बड़ी मात्रा में दवा उत्पादन संभव है और इसे दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक द्वारा फॉलो किया जा सकता है। प्रकृति में ऐसे हजारों पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनसे बीमारियों का इलाज किया जाता रहा है। विलो ट्री की छाल से बनी सैलिसिन से एस्पिरिन दवा बनना इसका प्रमुख उदाहरण है। अमरूद का पेड़ भी अब लिवर कैंसर के इलाज में वरदान साबित हो सकता है। अमरूद मॉलिक्यूल का प्रयोग डेलावेयर यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने अमरूद के मॉलिक्यूल्स का इस्तेमाल कर लैब में उन्हें तैयार किया। इससे बड़ी मात्रा में दवाओं का उत्पादन संभव हुआ और मरीजों को सस्ती और असरदार दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

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अमरूद का पेड़ बना वरदान

रिसर्च में पाया गया कि अमरूद से बने ये मॉलिक्यूल्स खासतौर पर लिवर और बाइल डक्ट कैंसर के खिलाफ असर दिखाते हैं। यह कैंसर दुनिया की सबसे कठिन बीमारियों में से एक है। लैब में मॉलिक्यूल्स तैयार करने से उनका असर जल्दी समझा जा सकता है और अन्य मौजूदा दवाओं के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस खोज की सबसे बड़ी ताकत इसका कम खर्च और आसान उत्पादन है। नेचुरल प्रोडक्ट टोटल सिंथेसिस तकनीक से वैज्ञानिकों ने स्टेप-बाय-स्टेप तरीका विकसित किया, जिसे कोई भी शोधकर्ता फॉलो कर सकता है। इससे प्राकृतिक संसाधनों का भी सही उपयोग होगा और अधिक मरीजों तक दवाएं पहुंचेंगी।

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ग्लोबल सहयोग और भविष्य की रिसर्च

इस रिसर्च ने वैश्विक शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया है। टीम नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर अमरूद मॉलिक्यूल के असर को अन्य प्रकार के कैंसर पर भी जांच रही है। इसके साथ ही लिवर कैंसर के इलाज के लिए प्री-क्लीनिकल स्टडीज भी जारी हैं। डेलावेयर यूनिवर्सिटी की इस रिसर्च से दुनिया को किफायती और असरदार इलाज का रास्ता दिखा है। 

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
 

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