मंदिरों में भगवान का होना तो सुना होगा लेकिन कभी सुना है किसी मंदिर की रखवाली भूत करते हों। जी हां, यूपी के वृंदावन में एक ऐसा मंदिर है, जिसे भूतों का मंदिर कहा जाता है। मुगल काल में बने इस मंदिर के बारे में लोगों की कई तरह की मान्यताएं हैं जिसे कुछ लोग अंधविश्वास कहते हैं और कुछ सही मानते हैं। आइए जानिए मंदिर से जुड़ी कुछ बातों के बारे में 1. भगवान श्रीकृष्ण जी का यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसका निर्माण जयपुर के राजा मान सिंह ने 1590 में करवाया था। 2. इस मंदिर में 7 मंजिलें थी और सबसे ऊंची मंजिल पर एक बड़ा दीपक जलाया जाता था। लोगों का कहना है कि इस मंदिर में हर रोज 50 किलो देसी घी से दिए जलाए जाते थे। जिसकी लौ आगरा तक जाती थी। 3. एक बार मुगल शासक औंरगजेब की नजर इस मंदिर पर पड़ गई और उसने इस मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया क्योंकि उसे हिसाब से पूरे भारत में इस मंदिर से बड़ी कोई मस्जिद नहीं थी जिस वजह से उसने मंदिर को तुड़वाना चाहा। औंरगजेब ने इस मंदिर के ऊपर वाली 4 मंजिले तुड़वा दी थी। 4. कुछ लोगों का मानना है कि उस मंदिर के पुजारी को सपने में भगवान कृष्ण ने कहा कि उनकी सारी मूर्तियां इस मंदिर से उठा कर कहीं और स्थापित करवा दो। 5. इस सब के बाद भगवान की मूर्ति राजस्थान के जयपुर जिले में किसी दूसरे मंदिर में स्थापित कर दी गई जो आज गोविंद वल्लभ मंदिर के नाम से मशहूर है। 6. वृंदावन में रहने वाले कुछ संतों के अनुसार इस मंदिर में अब कोई मूर्ति नहीं है और काफी समय से बंद पड़ा है। इसके बाद से यहां रहने वाले लोगों ने ऐसी अफवाह फैलानी शुरू कर दी की यहां भूत रहते हैं लेकिन ये बातें बिल्कुल गलत हैं। मुगलकाल के बाद इस मंदिर में दोबारा मूर्तियां स्थापित करवा दी गई थी और पूजा-पाठ शुरू हो गया था। अब इस मंदिर में लोगों का आना-जाना है।
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