अल्जाइमर को सभी सिर्फ एक भूलने की बीमारी के तौर पर जानते हैं पर यह सिर्फ भूलने की बीमारी नहीं बल्कि इसमें कई और भी समस्याएं होती हैं जैसे सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता खो जाना, व्यवहार में बदलाव आना आदि। इस रोग को लोग उम्र के साथ जोड़कर भी देखते हैं। माना जाता है कि यह बीमारी सिर्फ बूढ़े लोगों को होती है, यह एक ऐसी बीमारी है जो समय के साथ-साथ बढ़ती जाती है। हर साल लोगों में इस रोग के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 21 सितंबर यानी की आज वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि यह रोग क्या है और इसके लक्षण क्या-क्या हैं.....
क्या होता है अल्जाइमर रोग?
यह दिमाग से जुड़ा एक ऐसा डिसऑर्डर होता है जिसमें व्यक्ति का दिमाग धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है और एक समय के बाद दिमाग की कोशिकाएं ही मर जाती हैं। दिमाग की कोशिकाएं मरने के कारण व्यक्ति की याददाश्त भी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है और उसके सोचने-समझने की क्षमता कमजोर होती जाती है। साल 2020 की रिपोर्ट की मानें तो भारत में 60 साल से ऊपर वाले लगभग 53 लाख लोग अल्जाइमर या इससे जुड़ी डिसऑर्ड्स का शिकार हैं। वहीं साल 2050 तक अल्जाइमर और डिमेंशिया रोगियों की संख्या 1 करोड़ 53 लाख तक होने की एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है।
लक्षण
. याददाश्त में धीरे-धीरे कमी आना
. चीजें रखकर भूल जाना
. हाल में हुई घटनाओं या फिर बातों को भूल जाना
. जान-पहचान वाले लोगों का चेहरा न पहचान पाना
. घर का रास्ता भूल जाना
. रोजमर्रा के काम जैसे नहाना, ब्रश करना, ड्राईव करने आदि में परेशानी होना
. मूड, पर्सनेलिटी और व्यवहार में जल्दी-जल्दी बदलाव आना
कारण
. नींद की कमी होने के कारण यह रोग हो सकता है।
. लगातार सिर में दर्द रहना भी इस बीमारी का कारण बन सकता है।
. चिंता या डिप्रेशन अल्जाइमर जैसी बीमारी को बढ़ावा देता है।
कैसे करें बचाव?
. मानसिक व्यायाम करते रहें। इससे शरीर में चुस्ती बनी रहेगी और दिमाग ठीक से काम करेगा।
. स्वस्थ लाइफस्टाइल से आप इस रोग को कम कर सकते हैं।
. परिवार और दोस्तों के साथ के साथ आप बात करके अल्जाइमर के रोग को कम कर सकते हैं। लोगों के साथ बात करके दूर किया जा सकता है।
. अपने आप को समय देना और अपने लोगों को साथ समय बिताना भी इस रोग को कम करने के उपायों में से एक है।