हमारे देश की खिलाड़ी बेटियां भारत का नाम रोशन कर रही हैं। बात क्रिकेट की हो या बैडमिंटन, बॉक्सिंग, टेनिस, या पहलवानी की वह पीछे नहीं रही हैं। देश हो या विदेश हर जगह हर स्तर पर उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। जब भी महिला खिलाड़ियों की बात आती है तो सबसे पहले फोगट सिस्टर्स, सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल का जिक्र होता है। इस लिस्ट में एक और नाम जुड गया है सुनीता भारद्वाज का, जिन्हे शायद ही बहुत कम लोग जानते हैं।
8 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में ले चुकी हैं हिस्सा
वाराणसी के बरईपुर की रहने वाली सुनीता भारद्वाज ने राष्ट्रीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर अपने राज्य का नाम रोशन किया है। पान बेचने वाले की बेटी 8 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं और दो बार कांस्य भी जीत चुकी है। हाल ही में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में इंडियन, रिकर्व और कंपाउंड स्पर्धाओं में कुल 12 तीरंदाजों का चयन यूपी टीम में हुआ था। इनमें से एक सुनीता भी थी जिन्होंने इंडियन राउंड स्पर्धा में हिस्सा लिया था।
पिता चलाते हैं पान की दुकान
30 मीटर इंडियन राउंड में सुनीता ने पहली बार रजत पदक जीत, अपने परिवार और राज्य का नाम रोशन कर दिया। एक स्कूल के पास पान दुकान की चलाने वाले जटाशंकर भारद्वाज अपनी बेटी की इस जीत से बेहद खुश हैं। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी 12 साल की उम्र से ही तीरंदाजी खेल से जुड़ी गई थी।
एक मात्र महिला खिलाड़ी ने जीता पदक
आर्थिक हालत ठीक ना होने के बावजूद जटाशंकर ने अपनी बेटी को छह हजार रुपये की इंडियन राउंड की तीर धनुष खरीद कर दिया। सुनीता के कोच अशोक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश की टीम में बनारस में एक मात्र महिला खिलाड़ी है जिसने रजत पदक जीता है।