कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। जहां पहले कहा जा रहा था कि इस वायरस से बच्चों को बहुत कम खतरा है, वहीं WHO के मुताबिक, अब बच्चों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा सबसे अधिक हैं। जी हां, शोध में बात सामने आई कि 5 साल से कम उम्र वाले बच्चों से कोरोना संक्रमण फैल सकता है। चलिए जानते हैं क्या कहती हैं स्टडी।
बच्चों से फैल सकता है कोरोना वायरस?
अध्ययन में सामने आया कि वयस्कों की मुकाबले 5 साल से कम उम्र के बच्चों की नाक में कोरोना वायरस के आनुवांशिक पदार्थ 10 से 100 गुना अधिक पाए गए है। प्रकाशित शोध में इस तथ्य पर रोशनी डाली गई कि छोटे बच्चे द्वारा घरवालो व उसके संपर्क में आने वाले लोगों में कोरोना वायरस होने चांसेज हो सकते हैं।
145 रोगियों पर किया गया शोध
इस रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने शिकागों के लगभग उन 145 रोगियों के नाक के स्वाब लिए जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण एक सप्ताह के भीतर नजर आए। जब सेंपल्स लिए गए तो रोगियों में हल्के से लेकर थोड़े ज्यादा लक्षण दिखे। 145 रोगियों में 46 ऐसे बच्चे थे जिनकी उम्र 5 साल से कम थी। जबकि 51 बच्चों की उम्र 5 से 17 के बीच और 48 व्यस्त थे जिनकी उम्र 18 से 65 के बीच थी।
रिसर्च में क्या साबित हुआ
शिकागो को इन मरीजों के नाक के नूमने से यह बात सामने आई कि 5 साल की उम्र से कम उम्र के बच्चों में SARS-CoV-2 वारयस की मात्रा 10 से 100 गुणा ज़्यादा पाई गई। इससे पहले भी एक स्टडी हुई जिसमें बताया गया था कि श्वसन संबंधी विषाणु (आरएसवी) के उच्च वायरल वाले बच्चों में बीमारी फैलने का खतरा अधिक होता है। आरएसवी जिसे मनुष्यों में श्वसन पथ के संक्रमण की वजह माना जाता है।
हालांकि, इससे पहले की रिपोर्ट में सामने आया था कि SARS-CoV-2 फैलाने में बच्चों का योगदान कम है। इसलिए स्टडी से बात यह साबित होती है कि जैसे ही कोरोना की वैक्सीन आएगी तो इसे बच्चों के लिए जल्द ही उपलब्ध कराना होगा ताकि बच्चों को इ जानलेवा वायरस की चपेट में आने से बचाया जा सकें।
इसलिए जितना हो सके, अपने बच्चों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाए, उन्हें बाहर निकलने से रोके, बार-बार हाथ धुलवाएं।