कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जहां पूरे देश में हाहाकार मची हुई वहीं इस संक्रमण की वजह से अब तक लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं इस बीच देश में इस वायरस के चलते कई सैंकड़ों बच्चे अनाथ भी हो गए जिनके सिर मां-बाप दोनों का ही साया उठ गया। जिसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंता जताई हैं।
बच्चों को बेहतर भविष्य की उम्मीद देना राष्ट्र के तौर पर सबकी जिम्मेदारी
सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि उन बच्चों को नवोदय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा देने के बारे में विचार किया जाए जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता या फिर इनमें से किसी एक को खो दिया है जो घर की जीविका चलाता रहा हो। उन्होंने प्रधानमंत्री पत्र लिखकर यह भी कहा कि इन बच्चों को बेहतर भविष्य की उम्मीद देना राष्ट्र के तौर पर सबकी जिम्मेदारी है।
माता-पिता को खोने से बच्चे सदमे में है-सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने कहा कि, कोरोना महामारी की भयावह स्थिति के बीच कई बच्चों का अपने माता-पिता में से किसी एक या फिर दोनों को खोने की खबरें आ रही हैं जो तकलीफदेह हैं, ये बच्चे सदमे में हैं और इनकी सतत शिक्षा और भविष्य के लिए कोई मदद उपलब्ध नहीं है।
पूरे देश में है 661 नवोदय विद्यालय
सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री और अपने पति राजीव गांधी के कार्यकाल शुरू किए गए नवोदय विद्यालयों का उल्लेख किया और कहा कि इस समय देश में 661 नवोदय विद्यालय चल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उन बच्चों को इन नवोदय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के बारे में विचार किया जाए जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता या फिर इनमें से घर की जीविका चलाने वाले व्यक्ति को खो दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के तौर पर हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अकल्पनीय त्रासदी से गुजरने के बाद इन बच्चों को अच्छे भविष्य की उम्मीद दें।