नारी डेस्क: करवा चौथ का व्रत विवाहित महिलाओं के लिए एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है। इस दौरान महिलाएं व्रत रख कर अपने पति की लंबी उम्र की दुआ करती हैं। निर्जला व्रत होने के चलते प्रेग्नेंट महिलाओं को इसे ना रखने की सलाह दी जाती है। हालांकि गर्भवती महिलाओं के लिए करवा चौथ का व्रत रखने का निर्णय स्वास्थ्य और व्यक्तिगत स्थितियों पर निर्भर करता है। अगर आप भी प्रेग्नेंसी में व्रत रखने की सोच रही हैं तो कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
गर्भवती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान
डॉक्टर से सलाह लें: गर्भवती महिलाओं को उपवास रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सुझाव देंगे कि उपवास रखना सुरक्षित है या नहीं।
जल का सेवन ज़रूरी: उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना आवश्यक है। निर्जलीकरण गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए पानी या नारियल पानी नियमित रूप से पीना चाहिए, भले ही आप अन्न ग्रहण न करें।
हल्का आहार लें: उपवास के दौरान सिर्फ पानी पर निर्भर न रहें। हल्का फल, दूध, जूस या ड्राई फ्रूट्स जैसे पौष्टिक भोजन का सेवन करें ताकि आपको और आपके बच्चे को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके।
शरीर के संकेतों पर ध्यान दें: अगर आपको थकान, कमजोरी, चक्कर आना, या अन्य असुविधा महसूस हो, तो तुरंत उपवास तोड़ें और आराम करें। गर्भावस्था के दौरान ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
सकारात्मकता और शांति बनाए रखें: गर्भवती महिला को तनाव से दूर रहना चाहिए। उपवास के दौरान ध्यान, प्रार्थना, या रिलैक्सेशन तकनीकों का सहारा लेकर मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखें।
अगर आप व्रत नहीं रख रही हैं
अगर आपका डॉक्टर उपवास रखने की अनुमति नहीं देता या आप स्वयं व्रत नहीं रखना चाहतीं, तो बिना किसी दबाव के इसे छोड़ना उचित होगा। आप अन्य तरीकों से अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर सकती हैं। गर्भवती महिला के लिए करवा चौथ का व्रत रखना व्यक्तिगत और स्वास्थ्य से जुड़ा निर्णय है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार का उपवास रखना स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना व्रत नहीं रखना चाहिए।