हिंदू धर्म में त्योहारों के साथ व्रत व शुभ तिथियों का विशेष महत्व है। वहीं एकादशी के साथ प्रदोष व्रत रखना भी बेहद शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत हर मास में शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर दो बार रखा जाता है। इस बार वैशाख महीने का पहला प्रदोष व्रत 8 मई दिन को होगा। यह शनिवार के दिन को होने से यह शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने जीवन की समस्याओं से मुक्ति मिलती है। वहीं शनि प्रदोष व्रत रखने के व पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव की असीम कृपा मिलती है। तो चलिए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत तिथि का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व शनि दोष से मुक्ति पाने के कुछ उपाय...
शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि आरंभ- 08 मई 2021, दिन शनिवार, शाम 05:20 मिनट से
त्रयोदशी तिथि समाप्त- 09 मई 2021,दिन रविवार, शाम 07:30 मिनट पर
पूजा का समय- 08 मई शाम 07 से रात 09:07 मिनट तक
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
. सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
. फिर व्रत का संकल्प करें।
. शिव मंदिर में जाकर या घर पर शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि चढ़ाएं।
. भगवान शिव के मंत्र ''ॐ नमः शिवाय' का मन ही मन जाप करते रहें।
. प्रदोष बेला में दोबारा शिव जी को पंचामृत से अभिषेक करें।
. बाद में गंगाजल मिले हुए शुद्ध जल से अभिषेक करें।
. शिवलिंग पर शमी, बेल पत्र, कनेर, धतूरा, चावल, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि चढ़ाकर पूजा करें।
. शुद्ध देसी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें।
. फिर कपूर जलाकर भगवान की आरती कर अपने पापों व गलियों की मांफी मांगे।
प्रदोष व्रत का महत्व
यह व्रत भगवान शिव और चंद्रमा से जुड़ा है। माना जाता है कि इस व्रत को सबसे पहले चंद्रदेव रखा था। वे किसी श्राप के कारण क्षय रोग से पीड़ित हो गए थे। तब उन्होंने हर महीने में आने वाली त्रयोदशी तिथि को शिव जी को समर्पित करते हुए प्रदोष व्रत रखना शुरु कर दिया थाष। फिर शिव जी की कृपा से चंद्रदेव को क्षय रोग मु्क्त हो गए थे। ऐसे में प्रदोष व्रत को सच्चे मन से रखने वाले के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। व्यक्ति पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। जीवन में अन्न व धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए करें ये सरल उपाय
. यह दिन शनिवार को आने से यह शनि प्रदोष व्रत होगा ऐसे में शऩिदेव की भी विधि-विधान से पूजा करें।
. शनिदोष से मुक्ति पाने के लिए इस शुभ दिन पर शनि स्त्रोत का पाठ करें।
. बूंदी के लड्डू शनि महाराज को चढ़ाएं। बाद में उसे काली गाय को खिला दें।
. कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करें।
. तेल में रोटी चुपड़ कर काले कुत्ते को खिलाएं।