हिंदू धर्म में हर एक दिन एक भगवान को समर्पित है। वहीं शनिवार के दिन न्याय के देवता शनि भगवान का माना गया है। इनकी पूजा करने से शनि की महादशा, ढैय्या और साढ़े साती से मुक्ति का मार्ग प्राप्त होता है। शनि जिन पर मेहरबार हो जाए उसकी नैय्या पार हो जाती है। शनि को क्रूर ग्रह भी माना जाता है इसलिए इनकी पूजा में विशेष सावधानी रखी जाती है। खासकर महिलाएं जब शनि देव की पूजा करें तो कुछ नियमों जरूर पालन करें वरना शनि की नाराजगी बहुत भारी पड़ सकती है। जीवन संकटों से घिर सकता है। आइए जानते हैं महिलाओं के लिए शनि देवा की पूजा के नियम...
महिलाएं कैसे शनि देव की पूजा
- शनि देव की नजर अच्छे और बुरे कर्म करने वालों पर हमेशा रहती है। महिलाएं जब शनि देव कुंडली में शनि दोष हो या फिर शनि की महादशा से निजात पाने के लिए आराधना कर सकती है।
- शनि देव की पूजा करते वक्त महिलाएं गलती से शनि की मूर्ति को स्पर्श न करें। ऐसा करना आपको मुश्किल में डाल सकता है। शास्त्रों के अनुसार शनि देव की मूर्ति को छूने से महिलाओं पर शनि की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है।
- शास्त्रों के अनुसार महिलाओं का शनि देव की मूर्ति पर तेल चढ़ाना भी वर्जित है। शनि को प्रसन्न करने के लिए महिलाएं पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक लगाएं या फिर शनि मंदिर के निमित्त दीपक लगा सकती हैं।
- शनि की कृपा पाने के लिए महिलाएं शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करें। महिलाओं के लिए ये सबसे सरल और उत्तम फलदायी पूजा मानी जाती है।
- शनिवार के दिन महिलाओं को शनि से संबंधित चीजें जैसे सरसों का तेल, काले कपड़े, काले जूते, लोहे का बर्तन, काली उड़द, काला तिल का दान करें। इससे शनि दोष शांत होता है, साथ शनि देव बहुत प्रसन्न भी होंगे।