गूगल ने आज पहली मुस्लिम शिक्षिका फातिमा शेख को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी है। ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर लड़कियों में शिक्षा की मशाल जलाने वाली फातिमा शेख के 191वें जन्मदिन के मौके पर उनका डूडल बनाया गया है। फातिमा शेख ने ही घर-घर जाकर मुस्लिम समुदाय और दलित समुदाय के लिए स्वदेशी पुस्तकालय में सीखने के लिए प्रोत्साहित किया था।
मियां उस्मान शेख की बहन थी फातिमा
यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि फातिमा शेख ने भी बालिका सावित्रीबाई के साथ में ही शिक्षा ग्रहण की थी और पुणे में उन्ही के साथ अध्यापक प्रशिक्षण विद्यालय में ट्रेनिंग भी ली थी। फातिमा शेख, मियां उस्मान शेख की बहन थीं जिनके घर ज्योतिबा और सावित्रीबाई फुले ने निवास किया था। शेख ने साथी समाज सुधारकों ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के साथ 1848 में स्वदेशी पुस्तकालय की स्थापना की थी, जो लड़कियों के लिए भारत के पहले स्कूलों में से एक है।
स्कूल में पढ़ाने की ली ज़िम्मेदारी
उस ज़माने में अध्यापक मिलने मुश्किल थे, ऐसे में शेख ने ही सावित्रीबाई के स्कूल में पढ़ाने की ज़िम्मेदारी संभाली। इसके लिए उन्हें समाज के विरोध का भी सामना करना पड़ा था। फातिमा शेख ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसे देश हमेशा याद रखेगा। बताया जाता है कि फातिमा तमाम बच्चों को अपने घर में पढ़ने बुलाने के लिए लोगों के घर- घर तक जाती थी।