शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि साधारण ब्लड टेस्ट कार्डियोवैस्कुलर एजेंट और हृदय रोग के जोखिम की पहचान व होने वाली मौतों को कम करने में मदद कर सकता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि रक्त में माइलॉयड-बीटा का उच्च स्तर हृदय रोग का एक प्रमुख संकेतक हो सकता है।
अमाइलॉइड-बीटा अल्जाइमर रोग को बढ़ाने के लिए जाना जाता है, फिर भी ब्रिटेन के न्यूकैसल विश्वविद्यालय के शोधकर्ता कोन्स्टैन्टिनो स्टेलोस ने अपने शोध में अब निष्कर्ष निकाला है कि संवहनी कठोरता, धमनियों का मोटा होना, दिल की विफलता और हृदय रोग प्रगति में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
शोधकर्ता स्टेलोस के अनुसार यह आशा की जाती है कि यह शोध एक दिन एक साधारण ब्लड टैस्ट का उपयोग नैदानिक ‘बायोमार्कर’ के रूप में किया जा सकता है ताकि उन रोगियों की पहचान की जा सके जो जोखिम में हैं जिनके लिएनिवारक उपाय किए जा सकें और मृत्यु दर कम हो सके।
निष्कर्षों के लिए शोध दल ने 9 देशों में कई अध्ययनों से 6600 से अधिक रोगियों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया और पाया कि रोगियों को उनके अमाइलॉयड-बीटा स्तरों के आधार पर हृदय रोग के उच्च और निम्न जोखिम श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।
नीदरलैंड की यूनिवॢसटी ऑफ ट्वेंटे व वैगनिंगेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नैनोसैंसर विकसित किया है जो रक्त की एक बूंद से कैंसर का पता लगा सकता है। नैनोस्केल पर सैंसर 2 कंघों की तरह एक-दूसरे में गुंथा हुआ दिखता है, जो कंघों के दांतों के बीच जगह छोड़ देता है। इसमें 120 नैनोमीटर के आसपास के इलैक्ट्रोड होते हैं। छोटे आकार की जगह संकेतों को बताती है।
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