ये दुनिया राजा-रानियों की किस्से कहानियों से भरी पड़ी हैं। रानियों की बात करें तो कोई अपने शासन के लिए फेमस रहीं तो कोई अपने फैशन के लिए। दुनिया की फैशनेबल रानियों में फ्रांस की क्वीन मारी आंत्वानेत भी शामिल रही हैं। मारी आंत्वानेत, जिन्हें लोग मेरी ऐन्तोऐनेत और मैरी एंटोनेट नाम से भी जानते हैं। यह रानी अपने फैशन के लिए बहुत फेमस रही थी। उन्हें कपड़ों और गहनों का इतना शौक था कि उनका ये शोक राज्य पर भारी पड़ गया था। रानी के खर्च के चलते फ्रांस में मंदी आ पड़ी थी चलिए आपको उस रानी के बारे में बताते हैं।
महज 14 साल की उम्र में मेरी ऐन्तोऐनेत की हो गई थी शादी
मैरी एंटोनेट, फ्रांसीसी क्रांति से पहले फ्रांस की आखिरी रानी थी, जिनका जन्म का पूरा नाम मारिया आंतोनिया जोसेफा जोहाना था। वह ऑस्ट्रिया की राजकुमारी के रूप में पैदा हुई थी और महारानी मारिया थेरेसा और पवित्र रोमन सम्राट फ्रांसिस प्रथम की सबसे छोटी संतान थी और जब वह 14 साल की हुई थी तो उनकी शादी फ्रांस राजगद्दी के उत्तराधिकारी लुई-अगस्टे से हुई। जब उनके पति सोलहवें लुई राजा बने तो वह भी रानी बन गईं लेकिन काफी लंबा समय तक उनके बच्चे नहीं हुए थे। जब शादी के 8 साल बाद उन्हें बच्चे हए तब जाकर शाही दरबार में उनकी स्थिति सुधरी, लेकिन वो लोगों के बीच इतनी लोकप्रिय नहीं रही। इसके पीछे के बहुत से कारण थे।
विवादों से भरा था जीवन
फ्रांसीसी पत्रिकाओं ने उन पर कई आरोप लगाए थे। उन पर कथित दुश्मनों — विशेष रूप से उनके मूल देश ऑस्ट्रिया से सहानुभूति रखने का और उनके बच्चों के नाजायज होने के आरोप लगे और उन्हें चरित्रहीन कहा गया। वहीं रानी के फैशन के खर्चे ने भी उन्हें लोगों का तिरस्कार दिया। कहा जाता है कि क्वीन, कपड़ों और गहनों की ऐसी शौकीन थी कि शाही खज़ाने का बड़ा हिस्सा उनके शौक पूरे करने में ही खर्च हो जाता था। फ्रांस में जब बड़ा फाइनेंशियल क्राइसिस आया तब तो प्रजा ने खुलकर राजघराने के सामने यह बात रखी कि रानी के शौकों के चलते पूरा राज्य मंदी की मार झेल रहा है।
बेहद स्टाइलिश थीं मेरी ऐन्तोऐनेत
कहा जाता है कि रानी बहुत स्टाइलिश थीं। इन दिनों रफ्फल स्टाइल, मोस्ट पॉपुलर ट्रैंड बना हुआ है लेकिन सालों पहले इसका फैशन रानी ने सेट किया था। रानी की पौशाक में रफ्फल स्लीव्स और कॉर्ल्स, उनकी ड्रेसेज की खासियत होते थे। ये भी कहा जाता है कि रानी अपने जमाने की स्टाइल दीवा थी। अपने शानदार पहनावे, अंदाज और उनकी खूबसूरती के चर्चे इतने थे कि फ्रेंच क्वीन बनने के बाद उनकी पहली पब्लिक अपीयरेंस में 50 हज़ार लोग जमा हो गए थे और भगदड़ में कई लोग मारे भी गए थे। क्वीन को डायमंड जूलरी बहुत पसंद थी। उनके पास हीरे-मोती जड़े बेशकीमती गहनों की खास कलेक्शन थी।
देश के वित्तीय संकट के लिए रानी के खर्चीले व्यवहार को ठहराया गया था दोषी
लेकिन जब फ्रांस में क्रांति आई तो उन्हें मैडम डेफिसिट के रूप में जाना जाने लगा था क्योंकि देश के वित्तीय संकट के लिए उनके खर्चीले व्यवहार और कई बुद्धिजीवियों के सामाजिक और वित्तीय सुधारों का विरोध करने के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था। क्रांति के दौरान सरकार ने शाही परिवार को तुइलरीज़ पैलेस में नजरबंद कर दिया था। इसका कारण भी रानी से जुड़ी कुछ घटनाएं ही थी। हालांकि रानी ने इस कैद से भागने का प्रयास किया था, जिसका नतीजा रानी के लिए विनाशकारी ही निकला। ट्यूलरीज पर हुए हमले ने शाही परिवार को असेंबली में शरण लेने के लिए मजबूर किया और उन्हें अलग जेल में कैद कर दिया गया। कुछ देर बाद ही राजशाही को समाप्त भी कर दिया गया था। और सोहलवें लुई यानि राजा को गिलोटिन द्वारा मृत्युदंड दे दिया गया। वही कुछ महीनों बाद रानी पर भी मुकद्दमा शुरू हुआ और दो दिन बाद उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहरा के मृत्युदंड दे दिया गया।