दुनियाभर में बढ़ रहा प्रदूषण एक भारी समस्या बनता जा रहा है। इंडस्ट्रीज, गाड़ियां और किसानों की द्वारा जलाई जा रही पराली वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण हैं। इन सबके चलते आज लोग मजबूरन इस घुटी हुई हवा में सांस लेने के मजबूर हैं। वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों का कैंसर, इंफेक्शन जैसे मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
पराली जलाने से जहरीली हुई हवा
इसके बावजूद पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में पराली को जलाए जाना निरंतर जारी है। जिस वजह से पिछले दिनों की तुलना में स्माॅग का कहर इस बार अधिक बरपने लगा है। दीवाली के त्योहार से पहले ही राज्य की हवा पराली जलाने की वजह से खराब होनी शुरू हो गई है।
वायू प्रदूषण का लेवल
जिसके चलते सांस संबंधी बीमारियां और आंखों में जलन के अलावा विजिबिलिटी भी 500 मीटर तक ही रह गई है। लाॅकडाउन के बाद पटियाला में पीएम-2.5 का लेवल 311 तक पहुंच गया है। जबकि जालंधर में 295, लुधियाना में 280, बठिंडा में 239 और अमृतसर में 293 तक वायू प्रदूषण का लेवल दर्ज हुआ है।
एयर क्वालिटी की गुणवत्ता बिगड़ी
हवा में पराली का धुआं, फैक्टरियों का प्रदूषण बढ़ने के कारण एयर क्वालिटी की गुणवत्ता बिगड़ गई है। एयर क्वालिटी इंडैक्स 101 से लेकर 200 तक में बच्चों व बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वहीं दिल की बीमारियों के मरीजों के लिए भी यह बेहद खतरनाक साबित हो रही है।
जहरीली हवा से कैसे करें बचाव?
- बाहर जाने से पहले हवा प्रदूषण के स्तर की जांच करें और मास्क जरूर पहनें।
- लकड़ी या कचरा न जलाएं क्योंकि इससे भी हवा प्रदूषण फैलता है।
- उच्च हवा प्रदूषण स्तर के दौरान बाहर काम करने से बचें।
- अगर आपको सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।
- थोड़ी-थोड़ी देर बाद पानी पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटिड रहें।
- अपनी डाइट में हरी सब्जियां जूस, नारियल पानी शामिल करें, ताकि बॉडी डिटॉक्स हो।
- आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं, ताकि आप प्रदूषण से होने वाली इरिटेशन से बचे रहें।
- घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें, ताकि घर की हवा दूषित न हो।
- गाड़ी, घर या अन्य चीजों की साफ-सफाई के लिए खतरनाक केमकिल आधारित उत्पादों की जगह इको-फ्रेंडली उत्पाद इस्तेमाल करें।