नारी डेस्क : बवासीर (Piles) एक ऐसी समस्या है जो लाखों लोगों को होती है, लेकिन शर्म या लापरवाही के कारण लोग इसका इलाज समय पर नहीं कराते। यह बीमारी मलाशय या गुदा के आसपास नसों में सूजन के कारण होती है, जिससे दर्द, जलन और खून आने जैसी दिक्कतें होती हैं। अच्छी बात यह है कि सही घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर इस समस्या से स्थायी राहत पाई जा सकती है। जानें बवासीर क्या है और इसके प्रकार।
आंतरिक बवासीर (Internal Piles)
आंतरिक बवासीर में गुदा के अंदर की नसों में सूजन आ जाती है। यह आमतौर पर बिना दर्द के होती है क्योंकि इसमें दर्द महसूस कराने वाली नसें नहीं होतीं। लेकिन मल त्याग के दौरान खून आ सकता है या जलन का एहसास हो सकता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे बढ़कर बाहर की ओर निकल सकती है और गंभीर रूप ले सकती है।

बाहरी बवासीर (External Piles)
बाहरी बवासीर में गुदा के बाहरी हिस्से में नसों में सूजन या गांठें बन जाती हैं। यह स्थिति बेहद दर्दनाक होती है और बैठने या चलने में असहनीय परेशानी पैदा करती है। कई बार इन गांठों में खून के थक्के भी बन जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द और बढ़ जाता है। समय पर ध्यान न देने पर यह स्थिति संक्रमित होकर और गंभीर रूप ले सकती है।
बवासीर के मुख्य लक्षण
मल त्याग में कठिनाई या दर्द
खून आना
गुदा के पास सूजन या गांठ
जलन या खुजली
लंबे समय तक बैठने में असुविधा

बवासीर के लिए असरदार घरेलू उपाय (Piles Remedy at Home)
त्रिफला चूर्ण का सेवन: रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें। यह पाचन को ठीक रखता है और मल को नरम बनाता है।
अरंडी का तेल (Castor Oil): अरंडी का तेल सूजन कम करता है और गुदा मार्ग को चिकना बनाता है। रोजाना रात में एक चम्मच सेवन करने से आराम मिलता है।
बर्फ से सिकाई: गुदा क्षेत्र में 10-15 मिनट तक बर्फ से सिकाई करें। इससे सूजन और दर्द तुरंत कम होते हैं।
रेशेदार आहार लें: हरी सब्जियां, फल, दलिया, चोकरयुक्त आटा और साबुत अनाज रोज के आहार में शामिल करें। ये फाइबर से भरपूर होते हैं और कब्ज को रोकते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय जो देते हैं चमत्कारी राहत
अर्जुन की छाल: अर्जुन की छाल का काढ़ा दिन में दो बार पीने से रक्तस्राव रुकता है और सूजन कम होती है।
नागकेशर पाउडर: नागकेशर का सेवन सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ करने से खून आना बंद होता है और पाचन सुधरता है।
हरड़, बहेड़ा और आंवला (त्रिफला): यह संयोजन न केवल बवासीर बल्कि कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को भी खत्म करता है।

जीवनशैली में बदलाव भी ज़रूरी
रोजाना 30 मिनट पैदल चलें या योग करें
दिन भर में कम से कम 3 लीटर पानी पिएं
तेल-मसालेदार और फास्ट फूड से परहेज करें
मल त्याग को कभी न रोकें, इससे समस्या बढ़ती है
अगर लगातार खून आ रहा हो, गांठें बहुत बड़ी हो जाएं या दर्द असहनीय हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।आजकल लेजर थेरेपी और रबर बैंड लिगेशन जैसी आधुनिक तकनीकों से बिना ऑपरेशन इलाज संभव है।