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आप भी टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं? 5 मिनट भी यूज़ किया तो बढ़ जाएगा इस रोग का खतरा

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 06 Sep, 2025 04:11 PM
आप भी टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं? 5 मिनट भी यूज़ किया तो बढ़ जाएगा  इस रोग का खतरा

नारी डेस्क:  आज की डिजिटल दुनिया में मोबाइल हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बन चुका है। हम सोते-जागते, खाते-पीते, और चलते-फिरते भी मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सबसे खतरनाक बात ये है कि अब लोग टॉयलेट में भी मोबाइल लेकर बैठने लगे हैं। बहुत से लोग वहां आराम से बैठकर सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हैं, वीडियो देखते हैं या चैटिंग करते हैं  उन्हें लगता है कि यही उनका 'me time' है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये आदत आपकी सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकती है।

क्या सच में टॉयलेट में मोबाइल चलाने से होता है बवासीर?

हाल ही में एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से जुड़े बेथ इस्राइल डीकॉनेस मेडिकल सेंटर (BIDMC) ने 125 पुरुषों और महिलाओं पर एक रिसर्च की। इन लोगों से यह पूछा गया कि क्या वे शौचालय में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। इसमें पाया गया कि जो लोग टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, उनमें बवासीर (Hemorrhoids) होने का खतरा 46% ज्यादा होता है, बनिस्बत उन लोगों के जो वहां मोबाइल यूज़ नहीं करते।

 रिसर्च ने क्या कहा? आंकड़े क्या बोलते हैं?

रिसर्च में हिस्सा लेने वाले लगभग 66% प्रतिभागियों ने माना कि वे टॉयलेट में मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। अब जब उनकी कोलोनोस्कोपी की गई, तो एक और चौंकाने वाला सच सामने आया। मोबाइल यूज़ न करने वाले लोगों में सिर्फ 38% को बवासीर की शिकायत मिली, जबकि जो लोग टॉयलेट में मोबाइल यूज़ करते थे, उनमें 51% तक ये समस्या पाई गई। यानी टॉयलेट में मोबाइल चलाने की आदत बवासीर की समस्या को लगभग आधा गुना बढ़ा देती है।

 क्यों होता है ऐसा? क्या है असली वजह?

जब आप टॉयलेट सीट पर बैठकर ज़्यादा देर तक मोबाइल चलाते हैं, तो आपकी बॉडी की पोजिशन ऐसी हो जाती है कि पेल्विक फ्लोर (Pelvic Floor) मसल्स को कोई सपोर्ट नहीं मिलता। इस स्थिति में आपके हेमोरॉइडल कुशन्स यानी मलद्वार के पास की नसों और टिशूज़ पर लगातार दबाव पड़ता है। अगर ये दबाव रोज़ और लंबे समय तक बना रहे, तो ये टिशूज़ सूज जाते हैं, और धीरे-धीरे वही बवासीर में बदल जाते हैं।

 खानपान और लाइफस्टाइल का भी बड़ा रोल

टॉयलेट में मोबाइल चलाना एक समस्या है, लेकिन उससे भी बड़ी वजह है आज की गलत खानपान की आदतें। जंक फूड, फास्ट फूड, और कम फाइबर वाली डाइट के कारण लोगों में कब्ज की समस्या बहुत बढ़ गई है। और जैसा कि हम जानते हैं, कब्ज बवासीर का सबसे बड़ा कारण है। जब पेट साफ नहीं होता तो लोग ज़्यादा ज़ोर लगाते हैं, और फिर यही ज़ोर आपके मलद्वार पर दबाव बढ़ा देता है    जिससे बवासीर हो सकता है।

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 क्या आप भी यही गलती कर रहे हैं? अब संभल जाइए!

अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो टॉयलेट को एक 'मोबाइल ज़ोन' मानते हैं, तो अब वक्त है इस आदत को तुरंत बदलने का। हो सकता है अभी कोई दिक्कत न हो, लेकिन ये धीरे-धीरे आपके लिए क्रॉनिक हेल्थ प्रॉब्लम बन सकती है। बवासीर सिर्फ असहज ही नहीं होता, ये कभी-कभी खूनी बवासीर में भी बदल सकता है, जो काफी दर्दनाक और इलाज के लिए महंगा हो सकता है।

 बवासीर से कैसे बचें? आसान लेकिन असरदार उपाय

सबसे पहले और जरूरी: टॉयलेट में मोबाइल ले जाना पूरी तरह बंद करें।

अपने खाने में फाइबर युक्त चीज़ें (जैसे फल, हरी सब्जियां, ओट्स, चना, साबुत अनाज) शामिल करें।

रोजाना कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और कब्ज न हो।

शारीरिक गतिविधियां जैसे वॉकिंग, हल्का योग या एक्सरसाइज़ करें ताकि मेटाबॉलिज्म ठीक रहे।

टॉयलेट में ज्यादा देर बैठने से बचें कोशिश करें कि काम जल्दी पूरा करें और बाहर निकलें।

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 स्मार्टफोन की नहीं, सेहत की सुनिए

हमें ये समझना होगा कि मोबाइल की दुनिया भले ही मनोरंजक हो, लेकिन हमारी सेहत सबसे कीमती है। एक छोटी-सी आदत जैसे टॉयलेट में मोबाइल चलाना  लंबे समय में बड़ी बीमारी में बदल सकती है। इसलिए अगली बार जब टॉयलेट जाएं, तो अपने स्मार्टफोन को बाहर छोड़िए… और अपने शरीर को राहत दीजिए।
 

 

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