नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। इन दिनों पूरे 9 दिन तक माता के 9 रूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सिद्धिदात्री की पूजा से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही धन, यश की प्राप्ति होती है। मार्कंडेय पुराण के अनुसार मां सिद्धिदात्री और मौक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं। मां सिद्धिात्री के पास 8 सिद्धियां हैं जो कमल के आसन पर विराजमान हैं। इनके चार हाथों में शंख, गदा, कमल फूल और चक्र है। आइए जानते हैं कि मां महागौरी की पूजा कैसे करें....
मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि
सुबह उठकर स्नान आदि कर्मों के निवृत्त होकर साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद मां सिद्धिदात्री को गंगाजल से स्नान कराएं। मां सिद्धिदात्री को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। मां सिद्धिदात्री को सफेद रंग बेहद प्रिय है। इसके बाद उन्हें कुमकुम और रोली अर्पित करेंम। माता सिद्धिदात्री को पूड़ी, हलवा, चना, खीर और नारियल प्रिय है। मान्यता है इन चीजों का भोग लगने से माता प्रसन्न होती हैं। माता को भोग लगाने के बाद उनका ध्यान करें। पूजन के अंत में मां सिद्धिदात्री की आरती करें। इसके बाद कन्या पूजन करें। इस दिन 2 से 10 साल की कन्याओं का पूजन और भोजन कराया जाता है।
नौंवे दिन का शुभ रंग
नवरात्रि की नवमी तिथि मां सिद्धिदात्री को समर्पित है। ऐसे में इस दिन उनके प्रिय रंग बैंगनी और जामुनी रंग पहनना शुभ होगा।
महानवमी पर करें कन्या पूजन
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो नवरात्रि के नवमी तिथि पर कन्या पूजन करना शुभ होता है। इस दिन कन्या पूजन उत्तम माना गया है। मान्यतानुसार इस दिन कन्या पूजन से मां सिद्धिदात्री का अशीर्वाद मिलता है। ऐसे में इस दिन 9 कन्याओं को घर पर बुलाते हैं और खाना खिलाते हैं। इसके बाद उन्हें गिफ्ट्स दें। इसके बाद उन्हें आदरपूर्वक घर विदा करें।