दिग्गज अभिनेता जितेंद्र अपने पोते और नाती लक्ष्य और रवि के साथ बेहद खास रिश्ता साझा करते हैं। बुढ़ापे के बावजूद, वह उन्हें अपना उचित समय देते हैं। जितेंद्र और शोभा कपूर के बेटे तुषार ने हाल ही में बताया कि कैसे 'हिम्मतवाला' अपने पोते के साथ अपने पिता होने के दौर को फिर से जी रहे हैं। वह "दादू और "नानू" के रूप में अपनी भूमिका का भरपूर आनंद ले रहे हैं।
जितेंद्र रखते हैं सभी बच्चाें का ख्याल
तुषार ने अपनी एक इंटरव्यू में कहा- मेरे पापा अपने दोनों पोते-पोतियों के साथ बहुत करीबी रिश्ता साझा करते हैं। वह अक्सर मेरे बेटे के स्कूल जाते हैं। वह उनके साथ खेलते हैं...मैं कहूंगा कि वह अपने पिता होने के दौर को फिर से जी रहे हैं। वह अपने पोते और नाती की मौजूदगी में बेहद खुश हो जाते हैं,"। तुषार 2016 में लक्ष्य के पिता बने। उन्होंने सरोगेसी के जरिए उसका स्वागत किया। उनकी बहन और प्रसिद्ध निर्माता एकता आर कपूर भी सिंगल पेरेंट हैं। 2019 में, एकता ने सरोगेसी के जरिए अपने बेटे रवि कपूर के जन्म की घोषणा की थी।
दादा-दादी के पास होता है अनुभव
बच्चों के जीवन में दादा-दादी का प्यार और मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होता है। दादा-दादी का अनुभव, ज्ञान और अनमोल समय बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास में अहम भूमिका निभाता है। दादा-दादी के पास जीवन का बहुत लंबा अनुभव होता है, जो बच्चों के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होता है। वे बच्चों को उन जीवन पाठों के बारे में सिखा सकते हैं जो किताबों में नहीं मिलते।
संस्कार और मूल्य
दादा-दादी बच्चों को परिवार की परंपराओं, संस्कारों और मूल्यों से परिचित कराते हैं। वे उन्हें नैतिकता, ईमानदारी, और जीवन के सही और गलत के बारे में सिखाते हैं। बच्चों को जीवन में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, और इस दौरान दादा-दादी का प्यार और समर्थन एक मजबूत भावनात्मक आधार प्रदान करता है। वे बच्चों को सुरक्षा और अपनापन का अहसास दिलाते हैं।
तिरिक्त ध्यान और देखभाल
दादा-दादी अपने पोते-पोतियों को खास ध्यान और देखभाल देते हैं। उनके पास बच्चों के साथ बिताने का समय होता है, जिससे बच्चे अधिक सुरक्षित और खुश महसूस करते हैं। दादा-दादी के पास कई कहानियाँ और जीवन के सबक होते हैं, जो वे बच्चों को सुनाते हैं। ये कहानियां न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि बच्चों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं।
खेल और गतिविधियां
दादा-दादी के साथ खेलने और समय बिताने से बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। वे बच्चों को पारंपरिक खेल और गतिविधियों से परिचित कराते हैं, जो बच्चों की कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। दादा-दादी बच्चों को धैर्य, सहानुभूति, करुणा और सम्मान जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों के बारे में सिखाते हैं। ये मूल्य बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक हैं।
पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करना
दादा-दादी का प्यार और समर्थन परिवार के सभी सदस्यों को एकजुट रखने में मदद करता है। वे परिवार की एकता और सामंजस्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।दादा-दादी बच्चों के साथ बिताए गए समय को खुशी और मस्ती से भर देते हैं। उनके साथ बिताए गए पल बच्चों की यादों में हमेशा के लिए बस जाते हैं।