हर साल देशभर में शिवरात्रि का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जहां इस दिन लोग भगवान शिव की अराधना करते हैं वहीं कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं, खासकर महिलाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से ना सिर्फ सभी पापों से मुक्ति मिलती है बल्कि इस व्रत से अच्छे वर का वरदान भी मिलता है। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों वर का वरदान शिवरात्रि का व्रत...
क्या है महाशिवरात्रि का महत्व?
महाशिवरात्रि का मतलब है 'शिव की महान रात'। इस पर्व के साथ कई कहानियां भी जुड़ी हुई हैं, कुछ लोगों का कहना है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान शिव ने ताडंव का प्रदर्शन किया था। वहीं कुछ लोग यह दिन शिव-पार्वती के प्रेम के प्रतिक के रूप में भी मनाते हैं।
वर का वरदान
'शि' यानि मंगल और 'व' यानि दाता मतलब जो मंगलदाता है वही शिव है। माना जाता है कि माता पार्वती ने कड़े कप से भगवान शिव को प्राप्त किया था। तभी से ये मान्यता है विवाह योग्य कन्याओं को उत्तम वर प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखना चाहिए।
शिवरात्रि पर खास संयोग
वर का वरदान पाने के लिए बृहस्पति के बल और दांपत्य जीवन की सफलता के लिए शुक्र ग्रह की आवश्यकता होता है। इस बार शिवरात्रि पर दोनों हू बलवान है। यही कारण है कि साल 2020 शिवरात्रि का व्रत कुवांरी कन्याओं के लिए बेहद फल देने वाला है। व्रत रखने के वालों के मन में जो भी इच्छा होगी वो इस शुभ संयोग से पूरी हो जाएगी।
शिव है जहां, संपन्नता है वहां
भक्तों को सिर्फ शिवरात्रि के पावन पर्व पर ही नहीं बल्कि रोजाना भगवान शिव की अराधना, पूजा-अर्चना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है, जिस घर में रोजाना शिव की पूजा की जाती है वहां हमेशा संपन्नता का वास होता है। भगवान शिव ऐसे देव है जो सामान्य पूजा से भी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही इतने भोले भी कि उनकी अराधना शीघ्र ही व्यक्ति के भाग्य को पलट दे। ऐसे में अगर आप भी अपने घर में संपन्नता बनाए रखना चाहते हैं तो भगवान की अराधना जरूर करें।
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